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भारत सरकार इंटरपोल पर मेरे खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का दबाव बना रही है : नाईक

जाकिर नाईक के मलेशिया में होने की खबर है। उसके खिलाफ 2016 में तब से जांच जारी है, जब से केन्द्र ने उसके ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ को प्रतिबंधित कर दिया था।

01:55 PM Apr 25, 2019 IST | Desk Team

जाकिर नाईक के मलेशिया में होने की खबर है। उसके खिलाफ 2016 में तब से जांच जारी है, जब से केन्द्र ने उसके ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ को प्रतिबंधित कर दिया था।

विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक ने गुरुवार को भारतीय सरकार पर आरोप लगाया कि वह उसे फंसाने में लगी है और इंटरपोल पर उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए लगातार दबाव बना रही है। नाईक ने एक बयान में कहा कि वह इस बात से अवगत हैं कि ‘‘ सरकार मेरे खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने के लिए इंटरपोल पर दबाव बना रही है। ’’

जाकिर नाईक 2016 में भारत छोड़ कर भाग गया था। उसने दावा किया, ‘‘यह मुझे फंसाने के व्यापक अभियान का हिस्सा है। लेकिन कुछ सदस्य देशों से पुष्टि करने के बाद, मैं यह दावा कर सकता हूं कि आज की तारीख मैं मेरे खिलाफ कोई रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं है।’’ उसने कहा कि भारतीय समाचार पत्रों में से एक ने भारतीय सरकार के आंतरिक विचार-विमर्श के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की।

यह विचार-विमर्श तो पिछले दो साल से अधिक समय से चल रहा है और समचार पत्र ने इस मामले में जल्दबाजी दिखाई। जाकिर नाईक ने कहा कि इंटरपोल ने पहले ही उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द कर दिया था। उसने कहा, ‘‘सरकार को आरोपपत्र दायर किए और इंटरपोल पर दबाव बनाते हुए करीब डेढ़ साल हो गया है।

लेकिन अभी जैसे हालात हैं, मेरे पास यह मानने के लिए एक भी कारण नहीं है कि इंटरपोल किसी भी अनुचित दबाव में आएगा।’’ नाईक के अभी मलेशिया में होने की खबर है। उसके खिलाफ 2016 में तब से जांच जारी है, जब से केन्द्र ने उसके ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ को प्रतिबंधित कर दिया था।

एनआईए की एक विशेष अदालत ने 2017 जून में नाईक को घोषित अपराधी करार दिया था। उस पर युवकों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने, घृणा फैलाने वाले भाषण देने और समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने के आरोप हैं। एनआईए ने मुम्बई की एक अदालत में अक्टूबर 2017 में नाईक और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

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