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मछली के व्यापार पर सरकार द्वारा रोक अनुचित : कश्यप

संरक्षा आयुक्त श्री संजय कुमार के निर्देश पर यह रोक खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत दी गई शक्तियों के तहत लगाई गई है।

09:08 PM Jan 16, 2019 IST | Desk Team

संरक्षा आयुक्त श्री संजय कुमार के निर्देश पर यह रोक खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत दी गई शक्तियों के तहत लगाई गई है।

पटना : कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक.सह. फिश्कोफेड नई दिल्ली के निदेशक ऋषिकेश कश्यप निषाद ने मीन भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार के ;स्वास्थय विभागद्ध द्वारा पटना नगर निगम क्षेत्र में के प्रभाव से सभी प्रकार की मछली के व्यापार परिवहनए बिक्री एवं भण्डारन पर 15 दिनों के लिए रोक लगा दी गयी है जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव.सह.खाद्य संरक्षा आयुक्त श्री संजय कुमार के निर्देश पर यह रोक खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत दी गई शक्तियों के तहत लगाई गई है।

इसका उल्लंघन करने पर सात साल की सजा एवं 10 लाख रूपये तक का अर्थ दण्ड लगाया जा सकता है। श्री कश्यप ने उक्त निर्णय को अवयस्कए अविवेकपूर्णए अमर्यादित व जन विरोधी बताते हुए कहा कि इस निर्णय से राज्य के लाखो मछुआरे बेरोजगार हो गये। मछुआरो द्वारा खरीदी गयी मछलियाँ सड़ गई और उन्हें औने.पौने दाम में बेचना पड़ा। बिना सूचना के बिना समय दिये हुए यह कार्यवाई द्वेषपूर्ण है। संघ ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री से वार्त्ता हेतु समय की मांग की है। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि बन्द की अवधि में प्रत्येक मछुआरों को प्रतिदिन कम.से.कम 500रू बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान के द्वारा फॉर्मलीन व ठोस धातु की जाँच के लिए फिस टेस्ट कीट के137 का निर्माण किया है जिससे कोई मछली दूषित है का पता एक मिनट में लग जाता है।

साथ ही यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने मछलियों का सैम्पल लिया था जिसका रिपोर्ट प्राप्त हुआ है वह कानूनन सैम्पल सर्वे नहीं है। जबकि मछुआरों के खिलाफ कार्रवाई से पूर्व लीगल सैम्पल लेनी चाहिए थी। कानून के मुताबिक किसी भी मछली का सैम्पल लेने वक्त उसको चार भाग में काट कर एक भाग संबंधित मछुआरा को दूसरा भाग जाँच केन्द्र को तीसरा एवं चौथा भाग सरकार के पास सुरक्षित रखने का प्रावधान है। तुरन्त लोकल एवं जिन्दा मछली पर लगी रोक को हटाया जाय एवं आन्ध्र प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों से आयात होनेवाली सभी प्रकार की मछलियों की जाँच फिस टेस्ट कीट के137 से करायी जाय। प्रदूषित पाये जाने पर खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई करने को सरकार स्वतंत्र है। इस सम्मेलन में कॉफ्फेड के निदेशक श्री ब्रजेन्द्र नाथ सिन्हा एवं मदन कुमारए मिडिया प्रभारी जयशंकर उपस्थित थे।

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