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एफडीआई नियमों में ढील देगी सरकार

सरकार विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिये एकल ब्रांड खुदरा व्यापार और डिजिटल मीडिया सहित कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है।

07:47 AM Aug 27, 2019 IST | Desk Team

सरकार विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिये एकल ब्रांड खुदरा व्यापार और डिजिटल मीडिया सहित कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है।

नई दिल्ली : सरकार विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिये एकल ब्रांड खुदरा व्यापार और डिजिटल मीडिया सहित कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सरकार अन्य जिन क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है उनमें कोयला और अनुबंध पर विनिर्माण शामिल है। सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही इन मुद्दों को मंजूरी देने के बारे में विचार विमर्श करेगा। मंत्रिमंडल के समक्ष जो प्रस्ताव आ सकता है उनमें ठेके पर विनिर्माण के क्षेत्र में शत प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी जा सकती है। 
विनिर्माण क्षेत्र की मौजूदा एफडीआई नीति के तहत इस क्षेत्र में स्वत: मंजूरी के जरिये शत प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है। कोई भी विनिर्माता भारत में विनिर्मित उत्पादों की थोक अथवा खुदरा बिक्री कर सकता है। इसमें आनलाइन बिक्री भी की जा सकती है। इसके लिये सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। लेकिन इस नीति में अनुबंध पर विनिर्माण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एफडीआई नीति में इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। 
सूत्रों का कहना है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में आगे बढ़ रही है इसलिये अनुबंध पर विनिर्माण के बारे में नीति स्पष्ट करने की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार इसी प्रकार सरकार डिजिटल मीडिया क्षेत्र पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के लागू होने के बारे में स्पष्टीकरण जारी करने पर गौर करेगी। मौजूदा एफडीआई नीति डिजिटल मीडिया क्षेत्र के मामले में चुप है। 
प्रिंट मीडिया क्षेत्र में इस समय 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसके लिये सरकार की अनुमति लेनी होती है। इसी प्रकार प्रसारण सामग्री सेवाओं के करोबार में भी 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसके लिये भी पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी।  
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