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Gujarat Assembly Election : शुरुआती रुझानों में भाजपा आगे, 1995 के बाद से नहीं हारी विधानसभा चुनाव

गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को जारी मतगणना के शुरुआती रुझान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी बढ़त हासिल करती नजर आ रही। भाजपा ने 1995 से राज्य में कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारा है।

10:05 AM Dec 08, 2022 IST | Desk Team

गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को जारी मतगणना के शुरुआती रुझान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी बढ़त हासिल करती नजर आ रही। भाजपा ने 1995 से राज्य में कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारा है।

गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को जारी मतगणना के शुरुआती रुझान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी बढ़त हासिल करती नजर आ रही। भाजपा ने 1995 से राज्य में कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारा है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 123 सीट पर, कांग्रेस 22 और आम आदमी पार्टी (आप) 10 सीट पर आगे चल रही है।
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गुजरात में बहुमत के लिए कुल 182 सीट
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना राज्य के 37 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बृहस्पतिवार सुबह शुरू हुई। ‘आप’ के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, जिससे कांग्रेस की पेरशानी बढ़ सकती है। गुजरात में बहुमत के लिए कुल 182 सीट में से किसी भी पार्टी को 92 का आंकड़ा छूना होगा। चुनाव बाद सर्वेक्षणों भाजपा के आरामदायक जीत दर्ज करने और लगातार सातवीं बार राज्य में सरकार बनाने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
‘ब्रांड मोदी’ पर भरोसा 
नई दिल्ली स्थित ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ के संजय कुमार ने कहा कि अगर भाजपा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बहुमत हासिल कर लेती है तो इससे पार्टी का मनोबल काफी बढ़ेगा। भाजपा ने राज्य में 27 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी भावनाओं से जूझते हुए हाल के चुनाव लड़े। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पार्टी के ‘तुरुप का इक्का’ थे और सत्तारूढ़ दल ने सत्ता विरोधी लहर के मुकाबले के लिये ‘ब्रांड मोदी’ पर भरोसा किया।
इस बार मतदान चार प्रतिशत कम 
चुनावों में प्रमुख मुद्दों में बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, राज्य के कुछ हिस्सों में पानी नहीं पहुंचना, बड़ी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और किसानों को अत्यधिक बारिश के कारण फसल क्षति का उचित मुआवजा नहीं मिलना था। इस बार मतदान प्रतिशत 2017 की तुलना में लगभग चार प्रतिशत कम हुआ। राज्य में 2017 में 68.39 प्रतिशत के मुकाबले इस बार सिर्फ 64.33 प्रतिशत मतदान हुआ।
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