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अब क्लासरूम निर्माण घोटाले की जांच करेगी एसीबी

दिल्ली सरकार के स्कूलों में कमरों के निर्माण में हुए घोटालों की जांच अब एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) को सौंपी गई है।

07:00 AM Jul 27, 2019 IST | Desk Team

दिल्ली सरकार के स्कूलों में कमरों के निर्माण में हुए घोटालों की जांच अब एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) को सौंपी गई है।

अब क्लासरूम निर्माण घोटाले की जांच करेगी एसीबी
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नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के स्कूलों में कमरों के निर्माण में हुए घोटालों की जांच अब एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) को सौंपी गई है। इस सिलसिले में एसीबी ने विजिलेंस विभाग को शिकायत भेजकर जांच के लिए इजाजत मांगी है। दिल्ली सरकार के तहत काम करने वाली एसीबी को जांच की जिम्मेदारी सौंपे जाने वाला एक पत्र शुक्रवार को सामने आया है। जिसमें नई दिल्ली जिला के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त मधुर वर्मा ने एसीबी के एडिशनल कमिशनर ऑफ पुलिस को जांच की जिम्मेदारी सौंपे जाने की बात कही है।
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नौ जुलाई को एसीबी को जांच सौंपे जाने वाले इस पत्र में कहा गया है कि गत दो जुलाई को दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना और दिल्ली भाजपा मीडिया रिलेशन विभाग के प्रमुख नीलकांत बक्शी ने शिक्षा विभाग द्वारा दिल्लीभर के स्कूलों में बनाये जा रहे क्लासरूम में 2 हजार करोड़ का घोटाल किए जाने की शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि स्कूलों में 12,748 क्लासरूम का निर्माण किया जा रहा है।
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इसके अलावा इसी मामले में करावल नगर से आप विधायक कपिल मिश्रा ने भी शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया और पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। नौ जुलाई वाले पत्र में आगे कहा गया कि इस मामले की जांच के लिए शिकायत एसीबी के पास भेजी जा रही है। यहां बता दें कि दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर क्लासरूम निर्माण में 2000 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया था। तिवारी ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया था कि दिल्ली के स्कूलों में पांच लाख का एक कमरा 25 लाख रुपए में बनवाया गया है।
वहीं कई स्कूलों में बिना कमरों के निर्माण के ही कमरों की कीमत का भुगतान कर दिया गया। आरटीआई के मुताबिक स्कूलों में कमरों के निर्माण के लिए अतिरिक्त 2000 करोड़ दिए गए थे, जो केवल 892 करोड़ में बनाए जा सकते थे। वहीं जिन 34 ठेकेदारों को टेंडर दिए गए उनमें उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं।
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