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गुजरात के अमरेली जिले में बुधवार को एक पशु देखभाल केंद्र में एक बीमार शेरनी की मौत हो गयी जिसने पहले दो वन अधिकारियों समेत तीन लोगों पर हमला किया था। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। सहायक वन संरक्षक जी एल वाघेला ने बताया कि तीन लोगों पर हमला करने पर जब 12 वर्षीय इस शेरनी को पकड़ा गया था तब वह अस्वस्थ थी। उन्होंने बताया कि अब उसकी मौत की वजह जानने के लिए उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा।
वाघेला ने कहा कि इस शेरनी की मौत की वजह उसकी खराब सेहत हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस शेरनी ने 23 मार्च को जाफराबाद तालुका में मिटियाला गांव के समीप एक प्लास्टिक विनिर्माण इकाई के सुरक्षाकर्मी पर हमला कर उसे घायल कर दिया था । उनके अनुसार, गार्ड को एक नजदीकी अस्पताल ले जाया गया था और अब वह खतरे से बाहर है।
वाघेला ने कहा, ‘‘ बाद में मिटियाला गांव के सरपंच ने हमारे कर्मियों को उसके(शेरनी के) ठिकाने की जानकारी दी थी और उन्हें बताया था कि शेरनी बीमार है। हमारे कर्मी अपने चार पहिया वाहन से मौके पर पहुंचे और जब वे दूरबीन की मदद से उसका पता लगा रहे थे तभी अचानक शेरनी ने उनपर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि जब वाहन चालक वीरा वाघेला और ‘ट्रैकर’ हरेश पांड्या अपनी गाड़ी में चले गये, तब शेरनी ने गाड़ी के बायें तरफ का शीशा तोड़ दिया एवं दोनों पर हमला किया।
वाघेला ने बताया कि पांड्या एवं वाघेला को सिर, कंधे और हाथों में जख्म हो गये और दोनों का फिलहाल इलाज चल रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने बताया कि बाद में वन विभाग की दूसरी टीम ने शेरनी को पकड़ा और उसका (शेरनी का) बाबरकोट देखभाल केंद्र में इलाज चल रहा था, जहां बुधवार को उसने दम तोड़ दिया।