Gulzar Shayari: गुलज़ार की दिल छू लेने वाली शायरियां, भावनाओं का अनमोल खजाना
शायरी की दुनिया में गुलज़ार की अनमोल रचनाएं
03:54 AM Feb 10, 2025 IST | Prachi Kumawat
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“कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता”
“दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए”
“जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है”
“पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी”
“टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ,
में फिर से निखर जाना चाहता हूँ।
मानता हूँ मुश्किल हैं,
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ।।”
“दर्द हल्का है साँस भारी है,
जिए जाने की रस्म जारी है”
“बीच आसमां में था बात करते- करते ही,
चांद इस तरह बुझा जैसे फूंक से दिया,
देखो तुम इतनी लम्बी सांस मत लिया करो।।”
“यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता”
“आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है”
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