हैती भूकंप, मलाला के प्रयास, जलवायु समझौता दशक के बड़े वैश्विक घटनाक्रमों में शामिल : UN
संयुक्त राष्ट्र की ‘डिकेड इन रिव्यू’ रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक में कई बड़ी वैश्विक घटनाएं घटीं, जिनमें भयावह हैती भूकंप, सीरिया में संघर्ष की शुरूआत, बालिकाओं की शिक्षा के लिए काम करने वाली मलाला यूसुफजई के उत्कृष्ट कार्य, पेरिस जलवायु समझौता और संयुक्त राष्ट्र के 2030 के एजेंडे की शुरूआत शामिल हैं।
04:49 PM Dec 26, 2019 IST | Shera Rajput
Advertisement
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की ‘डिकेड इन रिव्यू’ रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक में कई बड़ी वैश्विक घटनाएं घटीं, जिनमें भयावह हैती भूकंप, सीरिया में संघर्ष की शुरूआत, बालिकाओं की शिक्षा के लिए काम करने वाली मलाला यूसुफजई के उत्कृष्ट कार्य, पेरिस जलवायु समझौता और संयुक्त राष्ट्र के 2030 के एजेंडे की शुरूआत शामिल हैं।
Advertisement
Advertisement
रिपोर्ट में कहा गया है कि 21वीं सदी की किशोरावस्था (टीनेज) लगभग समाप्ति की ओर है और दुनिया 2020 के स्वागत के लिए तैयार है, ऐसे में संयुक्त राष्ट्र समाचार (यूएन न्यूज) 2010 से 2019 के दशक में वैश्विक मंच पर घटे घटनाक्रम पर नजर डाल रहा है।
Advertisement
दशक की शुरूआत हैती में आई भयावह आपदा के साथ हुई। पश्चिमी गोलार्द्ध के सबसे गरीब देशों में शामिल हैती में 12 जनवरी, 2010 को रिक्टर पैमाने पर 7 तीव्रता का भयावह भूकंप आया जिसमें सैकड़ों लोग मारे गये। हजारों लोग प्रभावित हुए तथा इमारतों को बहुत नुकसान हुआ।
इस आपदा के एक सप्ताह बाद सुरक्षा परिषद ने हैती के लिए 3500 शांति रक्षकों को बढ़ाने की मंजूरी दी। 9000 शांति रक्षक पहले से देश में थे।
इसी दशक में 2011 में सीरियाई संघर्ष की शुरूआत हुई। संयुक्त राष्ट्र ने अप्रैल 2011 में अपनी समीक्षा रिपोर्ट में कहा कि तत्कालीन महासचिव बान की-मून ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को फोन कर बताया कि वह देश में हिंसा की खबरों से बहुत आहत हैं।
उत्तरी अफ्रीका तथा पश्चिम एशिया में लोकतंत्र समर्थक व्यापक आंदोलन के तहत प्रदर्शनों के बाद हिंसा भड़की जिसके बाद ट्यूनीशिया और मिस्र में लंबे समय से चल रहे शासनों का पतन हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ साल बाद भी संघर्ष अब तक जारी हैं जिससे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा हो गया है। हजारों नागरिकों की मौत हो गयी और 2011 से अब तक सीरिया से 56 लाख से अधिक लोग जा चुके हैं।
2012 में मलाला दुनिया की सबसे प्रसिद्ध किशोरी बन गयीं।
बालिकाओं की शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली मलाला युसूफजई और दो अन्य लड़कियों को तालिबान के हमलावरों ने अक्टूबर 2012 में उस समय गोली मार दी थी जब वे स्कूल से घर के लिए बस में सवार हुईं।
इसमें कहा गया, ‘‘इस हमले की प्रतिक्रिया पूरी दुनिया में दिखाई दी और इसकी व्यापक निंदा हुई। उस साल मानवाधिकार दिवस पर संयुक्त् राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के पेरिस स्थित मुख्यालय में मलाला के प्रति विशेष सम्मान प्रदर्शित किया गया।’’
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘मलाला 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार (भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ) समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित हुईं और 2017 में संयुक्त राष्ट्र की शांति दूत घोषित की गयीं।’’
2014 में संयुक्त राष्ट्र ने इतिहास में इबोला के सबसे भयावह प्रकोप से निपटने की कमान संभाली।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अगस्त 2014 में इबोला वायरस का प्रसार रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।
इसी दशक में उस समय जलवायु को लेकर उम्मीदें जगीं जब दिसंबर 2015 में जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता स्वीकार किया गया।
व्यावहारिक रूप से पहली बार दुनिया के सभी देशों ने जलवायु संकट से निपटने का संकल्प इस समझौते के तहत लिया।
कॉप21 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में दो सप्ताह तक वार्ताओं के बाद समझौते को स्वीकार किया गया।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतेरेस ने जलवायु संकट को उनके कार्यक्षेत्र के प्रमुख स्तंभों में से एक बताया था।
रिपोर्ट के अनुसार 2015 तक कई सकारात्मक कार्य पूरे किये गये लेकिन एक नये दृष्टिकोण की जरूरत महसूस हुई। यह 2030 के सतत विकास एजेंडा के रूप में सामने आया और 2016 में औपचारिक रूप से इसे प्रस्तुत किया गया।
2020 में इस एजेंडा के तहत लक्ष्यों को प्राप्त करने में महज 10 साल रह जाएंगे और संयुक्त राष्ट्र ने प्रक्रिया को तेज करने के लिए ‘कार्रवाई का दशक’ शुरू कर दिया है।

Join Channel