For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

मॉब लिंचिंग पर फांसी, राजद्रोह अब देशद्रोह, जानें लोकसभा में पास तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल की बड़ी बातें

01:44 PM Dec 21, 2023 IST | Ritika Jangid
मॉब लिंचिंग पर फांसी  राजद्रोह अब देशद्रोह  जानें लोकसभा में पास तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल की बड़ी बातें

लोकसभा में 3 नए क्रिमिनल बिल पास हो गए हैं। बुधवार को सदन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन क्रिमिनल लॉ बिल पेश करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी हम अभी भी यूके सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन कर रहे हैं। हम अब भी हर मेजेस्टी, ब्रिटिश किंगडम, द क्राउन, बैरिस्टर जैसे अंग्रेसी शब्दों का उपयोग करते हैं।

Three Criminal Law Bills

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "मोदी सरकार पहली बार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है, इसके साथ ही राजद्रोह को देशद्रोह में बदला जा रहा है। नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है, उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है"।

बता दें, ये तीन नए क्रिमिनल बिल भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 है। अमित शाह ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए ये भी कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रंता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार' रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाए गए हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 3 नए क्रिमिनल लॉ बिल पर कहा, "मैं इन तीन विधेयकों को लेकर आया हूं। आपने उन्हें स्थायी समिति को भेजने की मांग की। समिति ने उसमें कई संशोधन करने की अपील की थी, इसीलिए मैं वो तीनों बिल वापस लेकर नए बिल लेकर आया हूं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पहले 485 धाराएं थी अब 531 धाराएं होंगी"। आइए क्रिमिनल लॉ बिल की बड़ी बातें जानते हैं।

मॉब लिंचिंग पर फांसी की सजा का प्रावधान

अमित शाह ने मोब लिंचिंग को घृणित अपराध बताया है। उन्होंने सदन में कहा, मॉब लिंचिंग एक जघन्य अपराध है, इन कानूनों में इसके लिए फांसी की सजा का प्रावधान है। पुलिस और नागरिकों के अधिकारों के बीच अच्छा संतुलन कायम किया गया है। शाह ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, जिसमें 484 धाराएं हैं, इसमें अब 531 धाराएं होंगी। कुल 177 धाराएं बदली गई हैं। 9 नई धाराएं जोड़ी गईं और 14 निरस्त की गईं हैं।

Three Criminal Law Bills

भारतीय साक्ष्य विधेयक अब साक्ष्य अधिनियम की जगह लेगा। इसमें 167 के बजाय अब 170 खंड होंगे। 24 खंडों में संशोधन किया गया है, 2 नए जोड़े गए हैं और छह निरस्त किए गए हैं। गृहमंत्री ने कहा कि महिला ई-एफआईआर दर्ज करा सकती है, जिसका संज्ञान लिया जाएगा और दो दिनों के भीतर उसके घर पर जवाब देने की व्यवस्था की गई है।

राजद्रोह हुआ देशद्रोह

अमित शाह ने कहा कि हमने राजद्रोह की परिभाषा को 'राजद्रोह (सरकार के खिलाफ अपराध)' से बदलकर 'देशद्रोह (राष्ट्र के खिलाफ अपराध)' कर दिया है भारतीय दंड संहिता की धारा 124 या राजद्रोह कानून को निरस्त कर दिया गया है। नए कानून का उद्देश्य "सरकार को बचाना नहीं, बल्कि देश को बचाना है। एक स्वस्थ लोकतंत्र में, हर किसी को सरकार की आलोचना करने का अधिकार है, लेकिन हम किसी को भी भारत के बारे में अपमानजनक कुछ भी कहने की अनुमति नहीं देंगे।

जीरो एफआईआर की शुरूआत

पीड़ित अब किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो एफआईआर दर्ज करा सकता है और इसे 24 घंटे के अंदर संबंधित पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करना अनिवार्य होगा। वहीं, गिरफ्तार लोगों की सूची तैयार करने और उनके रिश्तेदारों को सूचित करने के लिए हर जिले और पुलिस स्टेशन में एक पुलिस अधिकारी को नामित किया गया है।

Three Criminal Law Bills

बता दें कि अब तीन साल से लेकर सात साल से कम की सजा वाले अपराधों में प्रारंभिक जांच शुरू होगी। गंभीर अपराध की जांच डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी द्वारा करने का प्रविधान। दोषमुक्ति के मामलों में जमानत को सरल बनाया गया है।

आत्महत्या का प्रयास अपराध की सूची से हटा

आत्महत्या का प्रयास अपराधों की सूची से हटा दिया गया है। भिक्षावृत्ति को तस्करी के लिए शोषण के रूप में पेश किया गया है। पांच हजार रुपये से कम की चोरी पर सजा के तौर पर सामुदायिक सेवा का प्रविधान किया गया है।

हिट एंड रन पर सख्त कानून

नए क्रिमिनल लॉ बिल के तहत सड़क पर एक्सीडेंट करके फरार होने वाला शख्स अब कानून से नहीं बच पाएगा। उनके लिए सख्त और सटीक कानून आया है। केंद्र सरकार ने रोड एक्सीडेंट करके भागने वालों को अनिवार्य रूप से कानून के सामने लाने के लिए सख्त कानून बनाया है। कानून के तहत रोड पर एक्सीडेंट करके फरार होने के जुर्म में 10 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है। वहीं, यदि एक्सीडेंट करने वाला शख्स घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाता है, तो उसकी सजा कम की जा सकती है।

जानें तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल की बड़ी बातें

-यौन हिंसा के मामलों में बयान महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ही करेगी।

-पीड़िता का बयान उसके आवास पर महिला पुलिस अधिकारी के सामने ही दर्ज होगा।

-झूठे वादे या पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध की श्रेणी में आएगा।

-गैंगरेप के मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा

-छोटे-मोटे अपराधिक मामलों में समरी ट्रायल में तेजी लाई जाएगी। 3 साल तक की सजा वाले मामलों में मजिस्ट्रेट समरी ट्रायल कर सकते हैं।

-सात साल या उससे अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक अनिवार्य होगा।

-पहली बार विचाराधीन कैदी को जमानत पर शीघ्र रिहाई प्रदान करने का प्रावधान।

-देशभर में जीरो एफआईआर की शुरुआत

-घोषित अपराधियों की भारत से बाहर की सम्पत्ति को जब्त करने का नया प्रावधान होगा।

लोकसभा से 97 विपक्षी सांसद निलंबित

गौरतलब है कि ये बिल सदन में तब पास किए गये जब 97 सांसद निलंबित हैं। सांसदों के निलंबन की शुरुआत पिछले हफ्ते संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद हुई थी। सबसे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा के 13 और राज्यसभा से 1 सांसद को सस्पेंड किया गया था। इसके बाद 18 दिसंबर को लोकसभा के 33 और राज्य सभा के 45 सांसद निलंबित हुए। 19 दिसंबर को 49 और सांसद निलंबित हो गए। अब बुधवार यानी 20 दिसंबर को 2 और सांसद को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 143 हो गई हैं। इनमें से 97 सांसदों को लोकसभा से सस्पेंड किया गया, जबकि 46 सांसद राज्य सभा से निलंबित हो चुके हैं।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Ritika Jangid

View all posts

Advertisement
×