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Happy Friendship Day 2019 : सच्ची दोस्ती की ये कहानियां दुनिया के लिए बन गईं मिसाल

अगस्त महीने के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। आज पूरी दुनिया फ्रेंडशिप डे मना रही है और अपने दोस्तों के साथ खूबसूरत यादें ताजा कर रहे हैं।

08:00 AM Aug 04, 2019 IST | Desk Team

अगस्त महीने के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। आज पूरी दुनिया फ्रेंडशिप डे मना रही है और अपने दोस्तों के साथ खूबसूरत यादें ताजा कर रहे हैं।

कहावत तो सुनी होगी हर एक दोस्त जरूरी होता है लेकिन हमारी जिंदगी में कई ऐसे दोस्त होते हैं जो महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाते हैं। इस खास मौके पर आज हम आपको दनिया भर में उन दोस्तों की दोस्ती की मिसालें सुनाते हैं जिसने दोस्ती को खास बना दिया। 
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1. बिल गेट्स और वॉरेन बफे

जब भी रूपया और शोहरत आती है तो दोस्ती कहीं पीछे छूट जाती है। लेकिन बिल गेट्स और वॉरेन बफे ने इस बात को गलत साबित कर दिया है। दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे अमीर बिजनेस मैन की दोस्ती की बात करें तो 28 साल पुरानी है। 5 जुलाई अपनी दोस्ती की सालगिरह मइक्रोसॉफट के सहसंस्‍थापक बिल गेट्स और बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफे मनाएंगे। 5 जुलाई 1991 में दोनों की मुलाकात एक औपचारिक बैठक के दौरान हुई थी। 
उस समय दोनों ने ज्यादा एक दूसरे से बात नहीं की थी। बता दें कि गेट्स और बफे में 25 साल का अंतर है। बफे 88 के हैं और गेट्स 63 के लेकिन कभी भी दोनों की दोस्ती में उम्र का फासला नहीं आया। एक बार बिल गेट्स ने बताया था कि किसी भी संकट में जब वह होते हैं तो वह यही सोचते हैं कि अगर बफे होते तो क्या करते ऐसे उन्हें परेशानी का हल अच्छे से मिल जाता है। 

2. सचिन तेंदुलकर- अतुल रानाडे

फिल्म थ्री इडियट्स का एक डॉयलोग है दोस्त अगर फेल हो जाए तो बुरा लगता है और अगर टॉप कर जाए तो सबसे ज्यादा बुरा लगता है यह गुदगुदाता जरुर है। लेकिन असलियत में जब दोस्त को सफलता मिलती है तो सच्चा दोस्त हमेशा खुश होता है। सचिन तेंदुलकर और अतुल रानाडे की दोस्ती यह मिसाल पेश करती है। स्‍कूूल के दिनों में सचिन और अतुल दोनों ने बल्ला एक साथ चलाना सीखा था। इसके साथ ही मुंबई की साहित्य सहवास कॉलोनी में भी दोनों का परिवार रहता था। क्रिकेट की क्लास दोनों ने गुरु रमाकांत आचरेकर से लेनी शुरु की थी।
सचिन और अतुल दोनों ने एक साथ क्रिकेट का सफर शुरु किया था जिसमें सचिन ने कई बड़ी बुलंदियां हासिल की लेकिन अतुल अपना कैरियर इसमें नहीं बना पाए। सचिन ने अपनी बचपन की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, हमारी दोस्ती आज भी वैसी ही है जैसी बचपन में थी। रानाडे सचिन के साथ अपनी दोस्ती पर कहते हैं कि हम दोनों की दोस्ती का अहम पहलु आपसी सच्चाई है और सचिन अपनी बात के पक्के हैं इसलिए हमारी दोस्ती के बीच में कभी परेशानी नहीं आती है। 

3. अटल बिहारी वाजपेयी-लालकृष्‍ण आडवाणी

अटल-आडवाणी ऐसे दो नेता हैं जिन्हें एक मकसद ने सबसे अच्छा दोस्त बनाया। दोनों की दोस्ती समय के साथ मजबूत होती गई। भारतीय जनता पार्टी को जनसंघ के इन दोनों नेताओं ने बनाया है और दोनों ने अपनी राजनीतिक विचारधारा को देश की मुख्यधारा बनाया। वाजपेयी अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन इन दोनों राजनेताओं की दोस्ती को सदियों तक याद किया जाएगा। 
50 के दशक में दोनों की मुलाकात हुई थी। लोकसभा का चुनाव जीत कर वाजपेयी संसद पहुंचे थे तो अब जन संघ के विजयी सांसदों की मदद से आडवाणी को दिल्‍ली बुलाया था। उस दौरान दोनों करीब आए और उनकी दोस्ती मजबूत हुई। दोनों एक साथ कई समय बीताते थे।
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