Khel Ratna Awards: हरमनप्रीत ने खेल रत्न को बताया जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि
हरमनप्रीत के लिए खेल रत्न सम्मान जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि
हाल ही में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान “मेजर ध्यानचंद खेल रत्न” मिलने की घोषणा की गई। इस उपलब्धि को लेकर हरमनप्रीत का कहना था कि यह उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, लेकिन वह अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका अगला लक्ष्य है विश्वकप में पदक जीतना और अंततः ओलंपिक और विश्वकप का स्वर्ण पदक हासिल करना।
हरमनप्रीत का मानना है कि ये पुरस्कार और उपलब्धियां तो उनकी हैं, लेकिन इसके पीछे उनके टीम साथियों का बहुत बड़ा हाथ है। वह कहते हैं, “हमने अब तक जो कुछ भी हासिल किया है, वह एक टीम के रूप में हासिल किया है।” और यह टीम भावना की सच्ची मिसाल पेश करती है। उनका अगला लक्ष्य है 2026 में बेल्जियम में होने वाले हॉकी विश्वकप में पदक जीतना। वह मानते हैं कि यह पदक बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत ने लंबे समय से विश्वकप में कोई पदक नहीं जीता है। इसके बाद उनका सपना है 2028 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना।
अब बात करते हैं पैरा एथलीट प्रवीण की, जिन्होंने पेरिस पैरालंपिक में टी-64 वर्ग का स्वर्ण और टोक्यो पैरालंपिक में रजत जीतकर भारत का नाम रोशन किया। हाल ही में उन्हें भी मेजर ध्यानचंद खेल रत्न मिलने का ऐलान किया गया। प्रवीण का सपना है, “विश्व चैंपियन बनना।” वह इस समय दिल्ली में होने वाली विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटे हुए हैं। प्रवीण का कहना है कि वह इस चैंपियनशिप का स्वर्ण जीतना चाहते हैं क्योंकि यह उनके अपने देश में हो रही है। प्रवीण ने सामान्य एथलीट्स की अंडर-23 चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीते हैं। उनका मानना है कि उन्हें सम्मान हासिल करने के लिए किसी विशेष श्रेणी का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, बल्कि वह चाहते हैं कि सामान्य एथलीट्स की तरह ही उन्हें सम्मान मिले। प्रवीण का यह भी कहना है कि उन्हें खुशी होगी अगर इस साल खेल रत्न सम्मान और पैरा खिलाडि़यों को मिले, क्योंकि यह पैरा एथलीट्स के लिए एक नई प्रेरणा होगी।