Hartalika Teej Puja Vidhi: हरतालिका तीज पर इस विधि से करें शिव और पार्वती की पूजा, जानें व्रत कथा
Hartalika Teej Puja Vidhi: हरतालिका तीज हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण व्रत में से एक हैं। इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं। इस बार यह व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाओं द्वारा निर्जला व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने और सच्चे मन से व्रत रखने से जीवनसाथी को लंबी आयु का आर्शिवाद मिलता है। हरतालिका तीज पर सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर के लिए इस व्रत को रखती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। आइए जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि और व्रत की कथा।
Hartalika Teej Puja Time: जानें किस समय करें विधि-विधान से हरतालिका की पूजा

हरतालिका तीज के दिन सभी व्रती महिलाएं पूजा के लिए सभी जरूरी सामग्री इकट्ठा कर लेती हैं। पूजा के लिए कुछ चीजें बहुत आवश्यक होती हैं, जिनके बिना पूजा अधूरी रह सकती है। हरतालिका तीज व्रत की शुरूआत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 25 अगस्त को सुबह 11.39 मिनट पर लगेगी जो 26 अगस्त को दिन में 12.39 तक रहेगी।

हरतालिका तीज के लिए आपको पूजा में मिट्टी का कलश मिट्टी के दीपक, भगवान के वस्त्र, माता पार्वती के श्रृंगार का सामान, घी, शहद, पानी वाला नारियल, भस्म, रोली, कलावा, चावल, लौंग, इलायची, सुपारी, जनेऊ, गुलाल और सिंदूर, रूई की बत्ती, धूपबत्ती, कपूर आदि को शामिल करना चाहिए। इस दिन सबसे पहले सुबह स्नान कर शिव-पार्वती के मंदिर जाए।

मंदिर में शिव-पार्वती की लाल गुलाब अर्पित करें। इसके बाद घर में एक जगह पर चौकी लगाएं और साफ लाल रंग का कपड़ा उस पर बिछाकर भगवान की और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद सभी सामाग्री को रखें और माता पार्वती और भगवान शिव की आरती करें। इसके बाद चावल की खीर बनाकर मां पार्वती को भोग लगाएं। इस दिन पूजा करते समय माता पार्वती को चुनरी और नथ अपने हाथों से पहनाएं।
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Hartalika Teej Vrat Katha: हरतालिका तीज पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार मां पार्वती का बचपन से ही माता पार्वती का भगवान शिव को लेकर अटूट प्रेम था। माता पार्वती अपने कई जन्मों से भगवान शिव को पति के रूप में पाना चाहती थी। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की। इस तप को करने के लिए माता पार्वती ने अन्न और जल का त्याग कर दिया था। खाने में वे मात्र सूखे पत्ते चबाया करती थीं।

माता पार्वती को ऐसे देखकर उनके माता-पिता काफी दुखी हुए। एक दिन देवऋषि नारद भगवान विष्णु की तरफ से विवाह का प्रस्ताव लेकर माता पार्वती के माता और पिता के पास पहुंचे। यह प्रस्ताव सुनकर माता पार्वती के माता और पिता तो काफी खुश हुए लेकिन माता पार्वती इसे सुनकर काफी दुखी हो गईं। क्योंकि वो अपने मन में भगवान शिव को अपना पति मान चुकी थीं।
माता पार्वती ने अपनी सखी को अपनी समस्या बताई। माता पार्वती ने यह शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके बाद माता पार्वती ने कई वर्षों तक भगवान शिव के लिए कठोर तपस्या की और आखिर में भगवान शिव ने उन्हें अपने पत्नी रुप में स्वीकार कर लिया। इसी दिन से सभी महिलाओं के सुहाग की उम्र लंबी हो और उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल बनाने के लिए इस व्रत को करती हैं। कहा जाता है कि इस कथा को सुने बिना यह व्रत अधुरा माना जाता है।
Hartalika Teej Ka Mahatva: जानें हरतालिका तीज का महत्व
हरतालिका तीज केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने का भी प्रतिक है। इस दिन माता-पार्वती, शिव जी और गणेश जी की विशेष पूजा और अर्चना करते हैं। इससे पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। इस दिन माता पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करने से देवी खुश होती है और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।

हरतालिका तीज पर महिलाएं 16 श्रृंगार करके शिव, पार्वती और गणेश जी की पूजा करें और व्रत कथा जरूर सुनें। केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने का भी प्रतिक है। इस दिन माता-पार्वती, शिव जी और गणेश जी की विशेष पूजा और अर्चना करते हैं। इससे पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है।
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