Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम : 2009 और 2019 में एक जैसी स्थिति

हरियाणा विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए परिणाम ने राज्य में एक बार फिर 2009 जैसी स्थिति पैदा कर दी है। 10 साल पहले आए चुनाव परिणाम में भी त्रिशंकु विधानसभा बनी थी और तब की सत्तारूढ़ पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े से छह सीट दूर रह गई थी।

03:24 PM Oct 25, 2019 IST | Shera Rajput

हरियाणा विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए परिणाम ने राज्य में एक बार फिर 2009 जैसी स्थिति पैदा कर दी है। 10 साल पहले आए चुनाव परिणाम में भी त्रिशंकु विधानसभा बनी थी और तब की सत्तारूढ़ पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े से छह सीट दूर रह गई थी।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए परिणाम ने राज्य में एक बार फिर 2009 जैसी स्थिति पैदा कर दी है। 10 साल पहले आए चुनाव परिणाम में भी त्रिशंकु विधानसभा बनी थी और तब की सत्तारूढ़ पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े से छह सीट दूर रह गई थी। 
Advertisement
वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को 40 सीटें मिली थीं और 2019 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को 40 सीटें मिली हैं। 
साल 2009 में मुख्य विपक्षी दल इनेलो को 31 सीट मिली थीं और 2019 में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 31 सीट मिली हैं। 
कांग्रेस को 2009 में सरकार गठन में सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला था और अब 2019 में भाजपा को सरकार गठन में सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। 
वर्ष 2009 में गोपाल कांडा कांग्रेस को समर्थन देने वाले सात निर्दलीय विधायकों में शामिल थे। कांडा इस बार हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक के रूप में फिर से परिदृश्य में हैं। 
पिछली बार की तरह ही वह सिरसा से निर्वाचित हुए हैं। कांडा को तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में गृह मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2012 में उन्हें एक एअरहोस्टेस को आत्महत्या के लिए उकसाने के प्रकरण में दिल्ली पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। 
उन्होंने इस बार भाजपा को समर्थन देने की पेशकश की है। तत्काल यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें इस बार मंत्री पद मिलेगा या नहीं। 
कांग्रेस ने 2009 में निर्दलीयों के साथ ही हरियाणा ‘जनहित’ कांग्रेस के छह में से पांच विधायकों का भी समर्थन लिया था। 
कांडा की पार्टी के नाम में भी ‘जनहित’ की तरह ‘लोकहित’ जुड़ा है, लेकिन वह इसके एकमात्र विधायक हैं। 
Advertisement
Next Article