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Haryana Politics: लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका देते हुए तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। तीनों विधायकों ने घोषणा की उन्होंने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
Highlights:
समर्थन वापस लेने वाले हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर का नाम शामिल है। समर्थन वापस लेने के बाद उन्होंने कहा कि हमने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। ये तीनों निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में अपना समर्थन वापस लेने का फैसले का ऐलान किया।
तीनों निर्दलीय विधायकों ने कहा ‘‘हमने यह निर्णय किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा की ‘‘तीन निर्दलीय विधायकों -सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन देने का फैसला किया है।’’
VIDEO | Three Independent MLAs - Sombir Sangwan, Randhir Gollen and Dharampal Gonder - hold a press conference after withdrawing their support to the BJP government in Haryana and extending their support to the Congress.
"We were elected as Independent as we honestly extended… pic.twitter.com/ixMLfoATRo
— Press Trust of India (@PTI_News) May 7, 2024
उदय भान ने कहा, ‘‘मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की मौजूदा क्षमता 88 की है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं। भाजपा नीत सरकार को पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जजपा ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है। मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव होने चाहिए।
बता दें कि हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव है और भाजपा के नेतृत्व को किसानों की नाराजगी के साफ़ आसार दिखाई दे रहा है। जजपा ने पहले ही सरकार से समर्थन से वापस ले लिया है और अब ऐसे में विधायकों को छिटकना भी जारी है।