Chai Na Peene Ke Fayde: छोड़े सुबह की चाय, हर दिन इन फायदों से करें एन्जॉय
Chai Na Peene Ke Fayde: भारत में सुबह की शुरुआत चाय के साथ होती है। घर हो या ऑफिस, चाय पीना जैसे एक आदत ही बन गई है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो चाय हम रोज पीते हैं, वह हमारे शरीर को धीरे-धीरे नुकसान भी पहुंचा सकती है? आज हम इस लेख के जरिए जानेंगे कि चाय छोड़ने के बाद आपके जीवन में किस तरह के सकारत्मक बदलाव हो सकते हैं.
जानें Chai Na Peene Ke Fayde:
1. पाचन में सुधार
सुबह खाली पेट दूध वाली Chai पीने से कई बार पेट में गैस, एसिडिटी और सूजन जैसी समस्याएं हो जाती हैं। दूध और Chai पत्ती का मिश्रण पेट की अम्लता को बढ़ा सकता है। अगर आप इसे एक महीने तक छोड़ दें, तो पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करने लगता है और पेट हल्का महसूस होता है।
2. त्वचा में निखार
Chai में मौजूद टैनिक एसिड शरीर से आयरन के अवशोषण को कम कर सकता है, जिससे त्वचा पर असर पड़ता है। इसके अलावा, दूध वाली चाय में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा कम होती है। जब आप एक महीने तक चाय पीना बंद कर देते हैं, तो त्वचा पर नेचुरल ग्लो आने लगता है और दाने या मुंहासे कम हो सकते हैं।
3. नींद में सुधार
Chai में कैफीन मौजूद होता है, जो नींद को प्रभावित कर सकता है। रोज़ाना चाय पीने से शरीर में कैफीन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। चाय छोड़ने के बाद आपकी नींद गहरी और संतुलित हो सकती है।
4. सिरदर्द और थकान में कमी
यह सच है कि Chai छोड़ते समय कुछ लोगों को सिरदर्द और थकान महसूस हो सकती है, लेकिन ये लक्षण अस्थायी होते हैं। शरीर जब कैफीन की लत से बाहर आ जाता है, तो खुद को ज्यादा ऊर्जावान महसूस करने लगता है और सिरदर्द की समस्या भी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
5. वजन घटाने में मदद
दूध और चीनी से बनी Chai में काफी कैलोरी होती है। जब आप इसे रोज़ पीते हैं, तो बिना जाने ही आपके शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जाती रहती है। अगर आप एक महीने तक दूध वाली चाय छोड़ देते हैं, तो वजन कम करने में सहायता मिल सकती है, खासकर अगर आप इसकी जगह हर्बल टी या गुनगुना पानी लेना शुरू करें।
Agnisar Kriya Benefits: योग की प्राचीन शुद्धिकरण तकनीकों में से एक है अग्निसार क्रिया जो शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने का एक अचूक तरीका है। यह क्रिया विशेष रूप से पाचन तंत्र और श्वसन प्रणाली को मजबूत करती है। मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग के अनुसार, (Agnisar Kriya Benefits) अग्निसार क्रिया न केवल पाचन शक्ति को बढ़ाती है, बल्कि पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में भी प्रभावी है।
अग्निसार क्रिया पाचन अग्नि को प्रज्वलित कर कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं को दूर करती है। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर पेट की चर्बी कम करने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त, यह श्वसन प्रणाली को मजबूत करती है, तनाव कम करती है और मानसिक स्पष्टता बढ़ाती है। नियमित अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
पाचन तंत्र को बनाता है मजबूत (Agnisar Kriya Benefits)
अग्निसार एक योगिक क्रिया है जिसमें पेट की मांसपेशियों को नियंत्रित रूप से संकुचित और प्रसारित किया जाता है। ‘अग्निसार’ शब्द ‘अग्नि’ (पाचन अग्नि) और ‘सार’ (सार तत्व) से मिलकर बना है, जो पाचन की आंतरिक शक्ति को सक्रिय करने का प्रतीक है। यह क्रिया पेट के अंगों की मसाज करती है, (Agnisar Kriya Benefits) जिससे पाचन तंत्र सक्रिय होता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
कैसे करें?
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि अग्निसार क्रिया करने की क्या विधि है। इसे करने के लिए शांत और हवादार स्थान चुनें। सुखासन या वज्रासन में बैठकर रीढ़ को सीधा रखें।