दिल्ली की महिलाओं की मदद
दिल्ली की भाजपाई मुख्यमन्त्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने राजधानी की गरीब महिलाओं को…
दिल्ली की भाजपाई मुख्यमन्त्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने राजधानी की गरीब महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपए देने का निर्णय अपने मन्त्रिमंडल की बैठक में करके साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी ने दिल्ली के चुनावों में जनता से जो वायदे किये थे उन्हें पूरा करने के लिए वह कृतसंकल्प हैं। चुनावों में भाजपा ने कई संकल्प पत्र जारी करके कहा था कि पार्टी यदि सत्ता में आती है तो वह सभी वायदे पूरा करेगी। रेखा गुप्ता ने महिलाओं की वित्तीय मदद करने के बारे में निर्णय करके साफ कर दिया है कि चुनावी वायदे सिर्फ कागजों पर ही नहीं किये जा सकते वरन् उन्हें जमीन पर उतारना भी होता है। उनकी सरकार ने इस मद में 51 सौ करोड़ रुपए की बजटीय व्यवस्था करके महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने का एेलान कर दिया है। गरीब परिवारों में सबसे अधिक बोझ महिलाओं पर ही पड़ता है क्योंकि एक ओर उन्हें जहां घर की जिम्मेदारियां संभालनी पड़ती हैं वहीं दूसरी ओर घर चलाने के लिए काम भी करना पड़ता है।
आर्थिक रूप से उनके सशक्त होने से उन्हें अपनी जिम्मेदारियां उठाने में मदद मिलेगी। पहले यह समझा जा रहा था कि किस प्रकार भाजपा अपने इस वचन को पूरा कर पायेगी क्योंकि इस मद में भारी खर्चा आयेगा परन्तु रेखा जी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी की कथनी व करनी में अन्तर नहीं है। महिलाओं को मिलने वाली इस मदद को रेवड़ी नहीं कहा जा सकता क्योंकि दिल्ली की महंगाई का सामना करने में गरीब परिवारों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गरीबों के दर्द को कम करने के लिए यदि सरकारी राजस्व का खर्च होता है तो इसे हम खैरात नहीं कह सकते। वैसे यह बहस अलग है कि नागरिकों को नकद रोकड़ा मदद देना कहां तक सही है। लोकतन्त्र में यह बहस कई मोर्चों पर हो सकती है मगर इसका सार यही है कि गरीब आदमी को भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार लोकतन्त्र देता है। इसके साथ हम यह भी जानते हैं कि भारत का संविधान लोक कल्याणकारी राज की वकालत करता है और इस व्यवस्था में सरकार द्वारा पिछड़े व गरीब नागरिकों की मदद करना सरकार का कर्त्तव्य होता है।
दिल्ली की सरकार यदि इस राह पर चल रही है तो केवल विरोध के लिए उसका विरोध विपक्षी पार्टियों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। दिल्ली के लोगों ने 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा को गद्दी सौंपी है अतः इस पार्टी का भी यह कर्त्तव्य बनता है कि वह जनता से किये गये अपने सभी वायदे पूरा करे और राजधानी को आधुनिकतम शहर बनाये। रेखा जी ने इसी मार्चे पर आगे बढ़ना शुरू कर दिया है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। भाजपा की महिला समृद्धि योजना तभी सार्थक मानी जायेगी जब गरीब से गरीब महिला को भी सशक्त व समृद्ध होने में मदद मिलेगी। रेखा जी ने इसकी घोषणा 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय ंमहिला दिवस पर की और स्पष्ट किया कि उनकी सरकार गरीब महिलाओं की आर्थिक कमजोरी दूर करने के लिए 2500 रुपए प्रतिमाह देगी।
अब सवाल यह है कि समृद्धि योजना की लाभार्थी महिलाओं के लिए क्या नियम हों जिससे अधिक से अधिक गरीब महिलाएं इस योजना के अन्तर्गत लाभ उठा सकें। इसके लिए मुख्यमन्त्री ने अपनी अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी है जिसके अन्य तीन सदस्य दिल्ली के मन्त्री क्रमशः प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद व कपिल मिश्रा होंगे। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए दिल्ली सरकार शीघ्र ही एक वेब पोर्टल खोलेगी जिस पर गरीब महिलाएं अपना पंजीकरण करा सकेंगी लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि इस योजना के अन्तर्गत कितनी आय तक की महिलाओं का पंजीकरण होगा। इस बारे में दिल्ली सरकार के भीतर विचार मंथन होगा और भाजपा पार्टी को भी इसमें शामिल किया जाना जरूरी होगा क्योंकि वायदा पार्टी की तरफ से किया गया था। एक अनुमान के अनुसार जो गरीब महिला किसी अन्य सरकारी योजना के तहत आर्थिक मदद नहीं पाती है उसे पंजीकृत किया जाना चाहिए। फिर यह भी विचारणीय होगा कि उस वयस्क महिला की व्यक्तिगत वार्षिक आय कितनी है और वह गरीबी की सीमा रेखा से नीचे आती है कि नहीं। गरीबी की सीमा रेखा के नीचे तीन लाख वार्षिक आय को माना जाये या दो लाख रुपए की वार्षिक आय को? इसका फैसला सरकार को ही करना होगा। मगर एेसा बताया जा रहा है कि यह सीमा तीन लाख रुपए वार्षिक की हो सकती है। वास्तव में भाजपा को भी अपने अन्त्योदय विचार को जमीन पर उतारने का यह अवसर है।
सभी जानते हैं कि भाजपा के नेता स्व. दीनदयाल उपाध्याय ने यह विचार दिया था कि समाज के सबसे अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की सरकार व समाज मिल कर मदद करें। रेखा गुप्ता लाभार्थियों के लिए एेसी शर्तें तय करें जो अन्त्योदय की भावना को मजबूत करें। उन्हें दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी काम करना है अतः उनका तारतम्य गृह मन्त्रालय के साथ भी बहुत मधुर होना चाहिए। दिल्ली के लोगों ने भाजपा को चुनाव जिताकर यही सन्देश दिया है कि राजधानी का शासन बिना किसी झंझट या झगड़े के चलना चाहिए। अतः रेखा जी का यह कहना कि उनकी सरकार तीन साल के भीतर यमुना को साफ करके नये रूप में निखारेगी, लोगों को उम्मीद बंधाती नजर आ रही है और भाजपा के अन्य चुनावी वायदों के भी जमीन पर उतरने की बाट जोह रहे हैं।