महाराष्ट्र विधानसभा में मारपीट मामला: जितेंद्र आव्हाड पर FIR, कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद हाई वोल्टेज ड्रामा
मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार शाम को विधानसभा परिसर में हुए हंगामे और मारपीट के मामले में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ विधायक जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है।
एफआईआर दर्ज होने से पहले विधानसभा के बाहर और मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन पर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। घटना के बाद दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिनमें भाजपा नेता गोपीचंद पडळकर के समर्थक सर्जेराव बबन टकले और एनसीपी के नितिन देशमुख शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
घटना तब शुरू हुई जब एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने अपने सहयोगी नितिन देशमुख की गिरफ्तारी का विरोध किया। उन्होंने पुलिस की गाड़ी को रोकने के लिए उसके नीचे घुसने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस स्टेशन के बाहर और अंदर जमकर हंगामा हुआ। जितेंद्र आव्हाड ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “यह सब पूर्व नियोजित था। जब वे मुझ तक नहीं पहुंच सके, तो मेरे कार्यकर्ता को निशाना बनाया गया। यह बेहद दुखद है कि केवल दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, बाकी दोषी कहां हैं?” उन्होंने सरकार पर हमलावरों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया। घटना के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कार्यकर्ताओं के विधानसभा परिसर में प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब केवल विधायकों के पर्सनल असिस्टेंट (PA) को ही विधानसभा में प्रवेश की अनुमति होगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने क्या कहा?
विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, “इस घटना को राजनीतिक रंग देना गलत है। यह केवल दो विधायकों का नहीं, बल्कि सभी विधायकों की गरिमा का प्रश्न है। आज बाहर हर कोई हम सभी विधायकों को शक की नजर से देख रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “विधानसभा किसी की निजी संपत्ति नहीं है, न अध्यक्ष की, न मंत्री की और न ही विधायक की। यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है।” सीएम फडणवीस ने यह भी जानकारी दी कि जिन लोगों ने मारपीट की, उनके खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। नितिन देशमुख पर आठ और सर्जेराव टकले पर छह आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।