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उच्चतम न्यायालय कांग्रेस के उन छह बागी विधायकों की राज्य विधानसभा से उन्हें अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ याचिका पर 18 मार्च को सुनवायी करेगा, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में हाल के राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ (विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान) की थी।

छह बागी विधायक - सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो को कांग्रेस के व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कांग्रेस के व्हिप के मुताबिक उन्हें सदन में उपस्थित रहने और बजट के पक्ष में मतदान करने की आवश्यकता थी।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई सोमवार की वाद सूची के अनुसार, याचिका न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आएगी। जब 12 मार्च को शीर्ष अदालत ने याचिका पर सुनवाई की थी, तो पीठ ने याचिकाकर्ताओं से पूछा था कि उन्होंने अपनी अयोग्यता को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कहा था कि यह एक दुर्लभ मामला है जहां विधानसभा अध्यक्ष ने 18 घंटे के भीतर इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।