हिमाचल का मानव विकास सूचकांक राष्ट्रीय औसत से बेहतर, इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए बोले CM सुक्खू
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में ‘हिमाचल प्रदेश मानव विकास प्रतिवेदन-2025’ का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट प्रदेश की प्रगति, जनता की मेहनत और आकांक्षाओं का प्रतीक है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु चुनौतियों के बावजूद हिमाचल ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
Himachal Pradesh News: मानव विकास सूचकांक में हिमाचल आगे
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2025 की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश का मानव विकास सूचकांक (HDI) 0.78 है, जो कि राष्ट्रीय औसत 0.63 से काफी अधिक है। यह प्रदेश की शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर में आई बेहतरी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हिमाचल ने पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा प्राप्त किया है और प्रदेश की साक्षरता दर 99.30 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में भी हिमाचल की शिक्षा प्रणाली को सराहा गया है। राज्य को देशभर में 5वां स्थान मिला है, जबकि वर्ष 2021 में यह 21वें स्थान पर था। इसके साथ ही, प्रदेश में शिशु मृत्यु दर घटकर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 21 रह गई है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में सफलता को दर्शाती है।

CM Sukhu: सर्वांगीण विकास की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार ने न केवल सड़कों, उद्योगों, कृषि और बागवानी पर ध्यान दिया है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, वृद्धजन देखभाल और ग्रामीण विकास जैसे बुनियादी क्षेत्रों में भी निवेश किया है। प्रदेश में अब लोगों की औसत आयु 72 वर्ष हो गई है, जो मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली का परिणाम है। गरीबी दर में भी भारी गिरावट आई है और अब यह 7 प्रतिशत से कम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब सरकार के समावेशी और सतत विकास की नीतियों का परिणाम है।
जलवायु परिवर्तन: एक बड़ी चुनौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज एक गंभीर वैश्विक समस्या बन चुकी है। हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्यों पर इसका प्रभाव अधिक देखने को मिलता है। इस वर्ष की भारी बारिश, भू-स्खलन और बाढ़ ने कई जनहानियां और संपत्ति का नुकसान किया। उन्होंने कहा कि राज्य ने हमेशा पर्यावरणीय हितैषी विकास की नीति अपनाई है और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया है।

हरित पहल और भविष्य की योजनाएं
- मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
- राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के तहत ₹680 करोड़ की परियोजना लागू की गई है।
- युवाओं को ई-टैक्सी खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है ताकि वे स्वरोजगार के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दें।
- राजीव गांधी स्वरोजगार सौर ऊर्जा योजना के तहत 100 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने पर जनजातीय क्षेत्रों में 5% और गैर-जनजातीय क्षेत्रों में 4% ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।
- हिमाचल प्रदेश ई-वाहन नीति अपनाने वाला पहला पर्वतीय राज्य बन गया है। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2030 तक पूरा सार्वजनिक परिवहन तंत्र विद्युत चालित हो जाए।
रिपोर्ट: विक्रांत सूद
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