Hindi Poetry: अर्ज किया है! शेर जिन्हें पढ़कर आप भी कहेंगे- ‘वाह-वाह’
शेर जो आपकी रूह को सुकून देंगे
08:44 AM Mar 20, 2025 IST | Khushi Srivastava
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उनको देखे से जो आ जाती है मुंह पर रौनक,
वो समझते हैं के बीमार का हाल अच्छा है
अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए
आईने में वो देख रहे थे बहार-ए-हुस्न
आया मेरा ख़याल तो शर्मा के रह गए
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
मां बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे
देखा किए वो मस्त निगाहों से बार बार
जब तक शराब आई कई दौर हो गए
सियासी आदमी की शक्ल तो प्यारी निकलती है
मगर जब गुफ्तगू करता है चिंगारी निकलती है
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