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Hindi Poetry: “हम लबों से कह न पाए…” शेर जो आपकी रूह को छू जाएगी

शेर जो आपकी रूह को कर देंगे रोशन

08:03 AM Mar 27, 2025 IST | Khushi Srivastava

शेर जो आपकी रूह को कर देंगे रोशन

hindi poetry  “हम लबों से कह न पाए…” शेर जो आपकी रूह को छू जाएगी

जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकान नहीं होता
-वसीम बरेलवी

बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं
-फ़िराक़ गोरखपुरी

नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
-मीर तक़ी मीर

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ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पांव फैलाऊं तो दीवार में सर लगता है
-बशीर बद्र

अंदाज़ अपना देखते हैं आइने में वो
और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो
-निज़ाम रामपुरी

ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता
-चराग़ हसन हसरत

कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा
कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा चेहरा तिरा
-इब्न-ए-इंशा

हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामुशी क्या चीज़ है
-निदा फ़ाज़ली

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Khushi Srivastava

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