पिंक बॉल टेस्ट में कैसा रहा है भारत का प्रदर्शन
भारत का पिंक बॉल टेस्ट में सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। ऐतिहासिक मुकाबलों से लेकर यादगार जीत तक, भारतीय टीम ने इस फॉर्मेट में कई महत्वपूर्ण मैच खेले हैं। आगामी टेस्ट में भारतीय टीम अपनी 75% जीत की दर को बेहतर करने का प्रयास करेगी।
रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम 6 दिसंबर से एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट खेलने की तैयारी कर रही है। पिंक बॉल टेस्ट में भारत का सफर एक रोमांचक रोलरकोस्टर जैसा रहा है। ऐतिहासिक मुकाबलों से लेकर यादगार जीत तक, इस फॉर्मेट में भारत के अनुभव में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं।
भारत ने अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट नवंबर 2019 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। उस मैच में कप्तान विराट कोहली ने शतक लगाकर इतिहास रचा और टीम को यादगार जीत दिलाई। वहीं, ईशांत शर्मा ने अपनी शानदार गेंदबाजी से नौ विकेट चटकाए और भारत को पारी और 46 रनों से जीत दिलाई।
इसके विपरीत, 2020 का एडिलेड टेस्ट भारतीय क्रिकेट के लिए एक बुरा सपना साबित हुआ। अच्छी शुरुआत के बावजूद भारत अपनी टेस्ट इतिहास की सबसे कम स्कोर, 36 रनों पर ऑलआउट हो गया। पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने भारतीय बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया। हालांकि, इस हार के बाद भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए सीरीज 2-1 से जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
फरवरी 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में भारत का दबदबा देखने को मिला। अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन की शानदार स्पिन गेंदबाजी ने इंग्लैंड को सिर्फ 193 रनों पर समेट दिया और भारत ने यह मैच 10 विकेट से जीता।
मार्च 2022 में श्रीलंका के खिलाफ बेंगलुरु में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में भी भारत का दबदबा कायम रहा। श्रेयस अय्यर की महत्वपूर्ण बल्लेबाजी और जसप्रीत बुमराह की घातक गेंदबाजी के दम पर भारत ने 238 रनों की बड़ी जीत दर्ज की।
अब तक खेले गए चार पिंक बॉल टेस्ट में भारत ने तीन में जीत हासिल की है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया अब तक खेले गए 12 में से 11 पिंक बॉल टेस्ट जीतकर इस फॉर्मेट में सबसे सफल टीम बनी हुई है। आगामी टेस्ट में भारतीय टीम को अपनी 75% जीत की दर को बेहतर करने का मौका मिलेगा।