कितना कमाते हैं Shubhanshu Shukla? Axiom-4 मिशन के लिए उन्हें नहीं मिलेगा एक भी रुपया!
अतंरिक्ष की दुनिया हमेशा से रोमांचक रहा है। इस दुनिया में भारत की पकड़ दिन पर दिन मजबूत होता जा रहा है। आज 25 जून 2025 का दिन हर भारतीय के लिए गर्व का पल है। यह वह दिन है जब भारत की तरफ से भारतीय एयरफ़ोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) Axiom-4 मिशन के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए निकल चुके हैं. आज दोपहर 12:01 बजे स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के साथ लांच हुआ।
शुभांशु Axiom-4 मिशन पर
बता दें कि आज बुधवार को भारत का लाल (Shubhanshu Shukla) शुभांशु Axiom-4 मिशन के साथ अंतरिक्ष के लिए निकल चुके हैं। तो चलिए जानते है नासा अपने अंतरिक्ष यात्रियों को कितनी सैलरी देती है। उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं। इस मिशन के लिए शुभांशु को क्या मिलेगा?
अंतरिक्ष यात्रियों को कितनी सैलरी मिलती?
नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को कितनी सैलरी मिलती है? यह सब कुछ हम इस खबर में जानेंगे। बता दें कि नासा दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी है और इसके अंतरिक्ष यात्री तारों की तरह चमकते हैं। नासा अपने सिविलियन अतंरिक्ष यात्रियों को अमेरिकी सरकार के जनरल सर्विस पे स्केल के अनुसार सैलरी दी जाती है। यह पे स्केल GS-12 से GS-14 तक का होता है।
देखें सैलरी लिस्ट :
जीएस-13 ग्रेड: सालाना 81,216 डॉलर से 105,579 डॉलर। यानी, हर महीने करीब 8,798 डॉलर (करीब 7.5 लाख रुपये) और हर घंटे 50.59 डॉलर।
जीएस-14 ग्रेड: सालाना 95,973 डॉलर से 124,764 डॉलर। यानी, हर महीने 10,397 डॉलर (करीब 8.8 लाख रुपये) और हर घंटे 59.78 डॉलर।
जीएस-15 ग्रेड: बहुत अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए, जो हर साल 146,757 डॉलर (करीब 1.25 करोड़ रुपये) तक कमा सकते हैं।
अंतरिक्ष यात्री की सालाना पैकेज 1.3 करोड़ रुपये
नासा के अनुसार, अंतरिक्ष यात्री की सालाना पैकेज 1.3 करोड़ रुपये है. लेकिन अगर कोई अंतरिक्ष यात्री सेना में है, जैसे शुभांशु शुक्ला, तो उन्हें टैक्स फ्री इनकम, हाउंसिंग अलाउंस और पेंशन जैसे कई फायदे भी मिलते हैं। अंतरिक्ष में मिशन के दौरान कोई ख़ास बोनस नहीं दिया जाता है।
कितने मिलेंगे शुभांशु को पैसे?
अब सवाल यह है कि शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) को इस एक्सिओम-4 मिशन के लिए क्या मिलेगा? शुभांशु भारतीय वायुसेना के अधिकारी हैं और उनकी सैलरी उनके पद और सेवा के हिसाब से दी जाती है. इस मिशन के लिए उन्हें कोई अतिरिक्त वेतन या भत्ता नहीं मिल रहा है. लेकिन भारत ने इस मिशन के लिए 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इस रकम में शुभांशु की ट्रेनिंग, वैज्ञानिक प्रयोग और मिशन से जुड़े दूसरे खर्च शामिल हैं. यह मिशन भारत के लिए एक बड़ा कदम है.
PM Modi ने कहा
पीएम नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि भारत भविष्य में अपने मानव अंतरिक्ष मिशन को और मजबूत करेगा. इस मिशन में शुभांशु (Shubhanshu Shukla) सात भारतीय वैज्ञानिकों के साथ अंतरिक्ष में फसल उगाने और माइक्रोग्रैविटी में जैविक प्रक्रियाओं का अध्ययन करने जैसे प्रयोग करेंगे. ये प्रयोग भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
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