हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही, 4 की मौत, 16 लापता, 99 लोगों को बचाया गया
शिमला : हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश एक बार फिर कहर बनकर टूटी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से मंडी जिले में बादल फटने और मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बीती रात से हो रही लगातार वर्षा ने कई क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसमें अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं। 99 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।
मंडी जिला बना तबाही का केंद्र
सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिले के गोहर, करसोग और धर्मपुर क्षेत्रों में बादल फटने की कई घटनाएं दर्ज की गई हैं। गोहर उपमंडल के स्यांज में एक घर फ्लैश फ्लड की चपेट में आ गया, जहां से मां-बेटी को तो बचा लिया गया, लेकिन परिवार के अन्य 7 लोग सैलाब में बह गए। लापता हुए लोगों की पहचान इस प्रकार हुई है- पदम सिंह (75), देवकू देवी (70), झाबे राम (50), पार्वती देवी (47), सुरमि देवी (70), इंद्र देव (29), उमावती (27), कनिका (9), गौतम (7) – सभी गांव बागा व पंगलयूर से। करसोग में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि चार लोग लापता हैं। सराज क्षेत्र के बाड़ा में दो और तलवाड़ा में तीन लोगों के लापता होने की खबर है। बाड़ा में चार और तलवाड़ा में एक बच्ची को रेस्क्यू कर लिया गया है।
गोशालाएं और घर तबाह, मवेशियों की भी मौत
बादल फटने से 10 घर और 12 गोशालाएं पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। धर्मपुर के त्रियांबला में दो मकान और पांच गोशालाएं ढह गईं, जिससे 26 मवेशियों की मौत हो गई। भदराणा में चार घर और तीन गोशालाएं तबाह हो गईं। मंडी शहर में अलग-अलग स्थानों से 11 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। प्रशासन और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
पावर प्रोजेक्ट और पुल भी बहे, ब्यास नदी में बाढ़
लगातार हो रही बारिश ने बाखली खड्ड पर स्थित 16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। इसी प्रोजेक्ट के पास बना एक पुल बह गया और कुछ गाड़ियां भी तेज बहाव में बह गईं। पंडोह डैम से 1.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से ब्यास नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। डैम में पीछे से 1.65 लाख क्यूसेक पानी आने के कारण डैम के पांचों गेट खोलने पड़े, जिससे पंडोह बाजार जलमग्न हो गया। लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। एसडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाल रखा है।
धर्मपुर और सुजानपुर में भी तबाही
धर्मपुर के भरैंड नाले के उफान पर आने से बस अड्डा सहित कई घर और दुकानें जलमग्न हो गई हैं। किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सुजानपुर के खैरी क्षेत्र में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से 5 से 7 घर जलप्रभावित हो गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर पंडोह डैम से पानी रोककर जंगल बेरी बटालियन पुलिस ने 40 लोगों को रेस्क्यू किया, जिनमें 15 प्रवासी मजदूर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख, राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करसोग, धर्मपुर, मंडी सदर, नाचन और सराज क्षेत्रों में हुई घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं और राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है, ताकि जान-माल की हानि को रोका जा सके।