गाजा पर हमले कर अपने ही देश में घिरा इजराइल! सड़कों पर उतरे सैकड़ो प्रदर्शनकारी
गाजा पर हमले करने के बाद इजराइल अपने ही देश में घिर चूका है. अब देश के अंदर ही विरोध की आवाज उठने लगी है. बता दें कि इज़राइल द्वारा गाज़ा पट्टी पर किए जा रहे हमलों को लगभग 21 महीने हो चुके हैं. इन हमलों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार विरोध हुआ है, लेकिन इसके बावजूद ये हमले थमे नहीं हैं. इन हमलों में अब तक 60,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को इज़राइल की राजधानी तेल अवीव में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और युद्ध को खत्म करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने गाज़ा में मारे गए बच्चों की याद में मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. लोगों ने मोमबत्तियां जलाईं और मृत बच्चों की तस्वीरें लेकर आम जनता को जागरूक करने की कोशिश की.
बंधकों की रिहाई की भी मांग
एक ओर जहां गाज़ा के बच्चों के लिए लोगों ने पहली बार इस तरह का भावुक प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर एक और समूह गाज़ा में बंधक बनाए गए इज़राइली नागरिकों की रिहाई को लेकर मार्च कर रहा है. ये प्रदर्शनकारी भी युद्ध विराम की मांग कर रहे हैं और महीनों से विरोध में जुटे हैं.
दो साल में 20 हज़ार बच्चों की मौत
इज़राइली संसद (नेसेट) के सदस्य ओफर कैसिफ ने शनिवार को कहा, “जो कुछ हो रहा है, उस पर मुझे गहरा दुख और शर्म महसूस हो रही है. इज़राइल लगभग दो वर्षों से गाज़ा में नरसंहार कर रहा है. हज़ारों मासूम नागरिक, जिनमें करीब 20,000 बच्चे शामिल हैं, मारे जा चुके हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि वेस्ट बैंक में भी जातीय सफाया हो रहा है और देश में फासीवादी सोच बढ़ती जा रही है.
हमले थमने का नाम नहीं ले रहे
इज़राइली सेना की तरफ से शनिवार को भी गाज़ा पर भारी बमबारी की गई. रिपोर्टों के मुताबिक इस दिन 110 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए, जिनमें 34 लोग राफा इलाके में अमेरिका समर्थित GHF के बाहर खाने का इंतज़ार कर रहे थे.
शांति वार्ता भी विफल
कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका और कतर की मध्यस्थता में चल रही शांति वार्ता भी टूट गई है. हमास की मांग थी कि इज़राइली सेना गाज़ा से पूरी तरह हटे, लेकिन इज़राइल ने इस पर सहमति नहीं दी. इसी वजह से बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई.