किसान का बेटा हूं, किसी से नहीं डरता : जगदीप धनखड़
खड़गे की टिप्पणी पर धनखड़ का जवाब: मैं किसान का बेटा हूं…
राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पर चर्चा की पेशकश की। खड़गे ने इसे अगली बैठक में कराने का अनुरोध किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं और किसान किसी से नहीं डरता।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक टिप्पणी पर कहा कि वह किसान के बेटे हैं और इस देश का किसान किसी से नहीं डरता है। राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद रात ढाई बजे के करीब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में फरवरी में लगाए गए राष्ट्रपति शासन पर संवैधानिक संकल्प को चर्चा के लिए प्रस्तुत किया। इस पर खड़गे ने अनुरोध किया कि यह चर्चा सदन की अगली बैठक में कराई जा सकती है क्योंकि अभी काफी रात हो गई है।
कांग्रेस नेता ने इसे लेकर कुछ टिप्पणी की, जिसे सभापति ने तत्काल सदन की कार्यवाही से हटा दिया। उन्होंने खड़गे की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि भारत का किसान और किसान का बेटा किसी से नहीं डरता, किसी भी परिस्थिति में वह नहीं डरता है। इसके बाद खड़गे ने संवैधानिक संकल्प पर चर्चा की शुरुआत की। कुछ ही देर बाद, अभी खड़गे बोल ही रहे थे कि सभापति आसन से उठकर जाने लगे और उपसभापति हरिवंश उनकी जगह पर कार्यवाही का संचालन करने के लिए आए। इस पर खड़गे ने सभापति से कहा, सर, अगर आप चले गए तो हमारा पूरा जोश चला जाएगा।
खड़गे की इस टिप्पणी पर उपसभापति हरिवंश ने हंसते हुए सवाल किया, मेरे आने पर जोश कम हो गया? जवाब में खड़गे ने सत्ता पक्ष के सदस्यों की तरफ इशारा करते हुए कहा, नहीं, आपका फिक्स है, एक बार आप बैठते हैं तो फिर उधर ही देखते हैं। इस पर उपसभापति ने कहा, मैं आपको ही देखता हूं।