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अवैध प्रवासियों को जाना ही होगा...

दुनिया की सुई इस समय बस एक नाम पर अटकी हुई है,ट्रम्प नाम के खौफ से दुनिया खौफजदा है।

01:30 AM Feb 04, 2025 IST | Editorial

दुनिया की सुई इस समय बस एक नाम पर अटकी हुई है,ट्रम्प नाम के खौफ से दुनिया खौफजदा है।

अवैध प्रवासियों को जाना ही होगा

पूरी दुनिया की सुई इस समय बस एक नाम पर अटकी हुई है, ट्रम्प नाम के खौफ से दुनिया खौफजदा है। बिजनेसमैन से लेकर विभिन्न देशों के शासक और प्रशासक बस यही सोचते रहते हैं कि ये शख्स कल सुबह पता नहीं क्या निर्णय लेगा, किसकी नकेल कसने के लिए कौन सी नई घोषणा करेगा और किसे शिकंजे में कसेगा? अब देखिए न! अब ब्रिक्स को लेकर ट्रम्प हमलावर हो गए कि यदि डॉलर के मुकाबले कोई और मुद्रा खड़ी की तो खैर नहीं। आपको याद होगा कि इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने डॉलर को डंप करके यूरो करेंसी में लेनदेन को बढ़ावा दिया था। सद्दाम का हश्र दुनिया ने देखा। अमेरिका कभी बर्दाश्त नहीं करता कि उसे कोई क्षति पहुंचाए, अब चीन निशाने पर है। ट्रम्प पर एक फिल्मी डायलॉग बड़ा फिट बैठता है कि एक बार यदि मैंने कमिटमेंट कर दिया तो फिर मैं अपने आप की भी नहीं सुनता। चुनाव के दौरान ट्रम्प ने जो भी वादे किए, वे तेजी से उस पर अमल कर रहे हैं, जो लोग अवैध तरीके से अमेरिका में घुसे हैं, उनकी गिरफ्तारियां हो रही हैं, सभी दहशत में हैं, इनमें वो खालिस्तानी भी हैं जो अमेरिका में रहकर भारत के खिलाफ साजिश रचते हैं और वो छात्र भी हैं जो हमास का समर्थन करते हैं, ट्रम्प ने ताल ठोंक कर कहा है कि ‘मुझे अलगाववादियों से निपटना आता है।’

ट्रम्प के शपथ समारोह के ऐसे वीडियो सामने आए जिसमें खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू न केवल मौजूद था बल्कि उसने खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए। इस वीडियो के सामने आने के बाद यह सवाल पूछा जा रहा था कि खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ ट्रम्प की भूमिका क्या होगी? पन्नू वही व्यक्ति है जिसे मारने की कथित साजिश को लेकर भारत और बाइडेन प्रशासन में ठन गई थी, लेकिन ट्रम्प को यह बताते देर नहीं लगी कि एक-एक को ढूंढ कर निकालूंगा। अपराधियों और अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों की खोज में अमेरिकी पुलिस ने कई धर्मस्थलों पर छापा मारा और स्पष्ट किया कि अपराधी कहीं भी छिपा हो, वह बच नहीं सकता। अमेरिका और कनाडा में धार्मिक आधार पर खालिस्तान समर्थकों को आश्रय देने के आरोप हमेशा लगते रहे हैं। ट्रम्प की कार्रवाई से यह उम्मीद जगी है कि बहुत से आतंकवादी भारतीय जेलों में पहुंचेंगे क्योंकि भारत ऐसे अपराधियों को सजा जरूर देना चाहेगा जो उसके खिलाफ अमेरिकी धरती पर षड्यंत्र रचते रहे हैं, पन्नू चूंकि अमेरिका का नागरिक है इसलिए वह भारत की गिरफ्त में भले ही न आ पाए लेकिन उसके गुर्गे तो पकड़ में आ ही सकते हैं। कनाडा में तो उसके काफी गुर्गे हैं और जस्टिन टूड्रो के पद से हटने के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि भारत ने जिन अपराधियों के प्रत्यर्पण की सूची सौंप रखी है, उन्हें हमारे हवाले करेगा।

ट्रम्प ने उन विदेशी छात्रों की पहचान का काम भी शुरू कर दिया है जो पढ़ने के नाम पर अमेरिका में रह रहे हैं और हमास के समर्थक बने हुए हैं। वे फिलिस्तीन के समर्थन वाली रैलियों में भाग लेते हैं, अमेरिकी नागरिकों को प्राप्त स्वतंत्रता का फायदा उठाकर वे आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं, ट्रम्प ने साफ तौर पर कह दिया है कि आतंकवाद के ऐसे समर्थकों के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है, उन्हें उनके मूल देश भेज दिया जाएगा। यदि उनके देश ने उन्हें स्वीकार नहीं किया तो उनके लिए खौफ का नया अध्याय शुरू होगा। ऐसे लोगों के लिए ट्रम्प ने कुख्यात ग्वांतानामो बे सैन्य जेल में 30 हजार बेड तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक ऐसे विधेयक पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे चोरी और हिंसक अपराध के आरोपियों, जो अवैध प्रवासी हैं, को सुनवाई से पहले हिरासत में रखा जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बताएं कि यह पहला मौका नहीं है जब अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है। पिछले दस वर्षों में औसतन हर साल 2 लाख अवैध प्रवासियों को अमेरिका ने वापस उनके देश भेजा। लेकिन ट्रम्प का यह अभियान सबसे बड़ा है। बराक ओबामा के चार वर्षों के कार्यकाल में करीब 10 लाख लोगों को अमेरिका ने बाहर किया था, जो बाइडेन के समय 4.9 लाख तो ट्रम्प के पहले कार्यकाल में 7.7 लाख अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बाहर का रास्ता दिखाया गया। माना जा रहा है कि ट्रम्प सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाले हैं।

तथ्यों के आधार पर अमेरिकी प्रशासन यह मानता है कि अवैध रूप से सबसे ज्यादा लोग मैक्सिको से घुसते हैं। अवैध रूप से वहां रहने वालों में चीन, अल साल्वाडोर और भारतीय भी काफी संख्या में हैं, यह आंकड़ा आपको चौंका सकता है कि वर्ष 2023 में अमेरिका में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रहे 90 हजार से ज्यादा भारतीयों को गिरफ्तार किया गया। दरअसल अवैध रूप से अमेरिका में घुसाने के लिए कई गैंग संचालित हो रहे हैं, ये लाखों रुपए लेते हैं और लोग अमेरिका पहुंचकर करोड़ों कमाने के चक्कर में लुट जाते हैं। फिलहाल 18 हजार से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीयों की पहचान की जा चुकी है लेकिन यह आंकड़ा लाखों में भी हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बातचीत में यह मसला भी उठा था और अवैध प्रवासियों की राष्ट्रीयता सुनिश्चित हो जाने पर भारत उन्हें स्वीकार भी कर लेगा। ऐसे अवैध प्रवासियों से किसी को क्या सहानुभूति हो सकती है? वैसे, अवैध प्रवासियों से भारत भी कम परेशान नहीं है लेकिन उसकी चर्चा फिर कभी..! अभी तो ट्रम्प का टशन देखिए और उम्मीद कीजिए कि उनका यह कदम संगठित गिरोहों और आतंकवादियों की कमर तोड़ेगा।

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