आर्थिक मामले विभाग ने 2018 में दे दी थी आईएलएंडएफएस संकट को लेकर चेतावनी
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने काफी पहले 30 सितंबर 2018 को एक गोपनीय टिप्पणी में आईएलएंडएफएस में संभावित संकट और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की थी। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक नवीनतम शपथपत्र में यह बात कही गई है।
03:54 PM Feb 16, 2020 IST | Shera Rajput
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने काफी पहले 30 सितंबर 2018 को एक गोपनीय टिप्पणी में आईएलएंडएफएस में संभावित संकट और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की थी। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक नवीनतम शपथपत्र में यह बात कही गई है।
इस शपथपत्र में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कहा कि डीईए ने राय जताई थी कि अगर आईएलएंडएफएस समूह यदि संकट में फंसता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था को इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, क्योंकि कर्जमाफी का दबाव बना रहेगा, ऋण बाजार में बिकवाली की आशंका है, नकदी की कमी हो सकती है और एनबीएफसी लाइसेंस रद्द हो सकते हैं।
राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष दाखिल शपथपत्र में एमसीए ने कहा, “डीईए ने आईएलएंडएफएस के अनुमानित पतन और ऐसे किसी पतन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरे असर की चेतावनी दी थी।”
उसके तुरंत बाद एमसीए ने आईएलएंडएफएस का प्रबंधन संभालने के लिए एनसीएलएटी का रुख किया। उस समय आईएलएंडएफएस पर 91,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था।
इसमें कहा गया था, “आईएलएंडएफएस संकट के मद्देनजर कम से कम 1,500 छोटी एनबीएफसी का लाइसेंस रद्द हो सकता है क्योंकि उसके पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी।”
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