सारकेगुड़ जैसी घटनाओं को रोकने आदिवासी समाज को आगे आना चाहिये : अरविंद नेताम
न्यायिक आयोग का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में साफ -साफ कहा गया है कि मारे गए ग्रामीण नक्सली नहीं थे।
11:02 AM Dec 02, 2019 IST | Desk Team
Advertisement
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा है कि बस्तर के सारकेगुड़ जैसी जघन्य हत्याकांड की घटनाओं को रोकने की जिमेदारी आदिवासी समाज की भी है। इसलिए ऐसी घटनाओं की पुनरावृति को रोकने के लिए आदिवासी समाज को आगे आना चाहिए।
Advertisement
Advertisement
श्री नेताम ने बताया कि सारकेगुड़ नरसंहार कांड पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आने के बाद आदिवासी समाज व्यथित है। अक्सर नक्सली उन्मूलन के नाम पर जंगलों में आदिवासी मारे जाते हैं। ऐसी घटनाओं के विरोध में कुछ लोगों को छोड़कर पूरा समाज रहस्यमय चुप्पी साधे रहता है। फलस्वरूप निर्दोष आदिवासी मारे जा रहे हैं।
उन्होंने फिर दोहराया कि आदिवासियों को संगठित होना चाहिए और सारकेगुड़ कांड जैसी घटना की पुनरावृति को रोकने के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के द्वारा न्यायिक रिपोर्ट पर विचार विमर्श के लिए आज राजधानी रायपुर में एक बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में समाज यह निर्णय लेगा की आगे की रणनीति किस प्रकार की अख्तियार किया जाए।
ज्ञात हो कि बस्तर के बीजापुर जिले में सन् 2012 में सारकेगुड़ ग्राम में पुलिस मुठभेड़ के दरमियान 17 आदिवासी मारे गए थे। इस मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में साफ -साफ कहा गया है कि मारे गए ग्रामीण नक्सली नहीं थे।
Advertisement

Join Channel