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स्टार्टअॅप इन्क्यूबेटर-कम-सैंटर ऑफ एक्सीलेंस' का उद्घाटन

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01:28 PM Apr 11, 2018 IST | Desk Team

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चंडीगढ़ : हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के आइडिया को स्टार्टअप के रूप में फलीभूत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया जाएगा। श्री शर्मा पंचकूला के सैक्टर-1 में स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ‘स्टार्टअॅप इन्क्यूबेटर-कम-सैंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का उदघाटन करने के बाद विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई ‘शिक्षा सेतू’ नाम की मोबाइल एप, न्यू वैबपोर्टल तथा ‘पतंग’ नामक योजना की लांचिग भी की। राज्य के सबसे पहले ‘स्टार्टअॅप इन्क्यूबेटर-कम-सैंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का उदघाटन करने के बाद शिक्षा मंत्री ने इसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन को पूरा करने की दिशा में अहम कदम बताया और कहा कि हरियाणा के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है, बशर्ते जरूरत है उसको सही ढंग से पहचानने की।

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इस सैंटर के खुलने से पंचकूला जिला के चार कालेजों राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सैक्टर-1 पंचकूला, राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय सैक्टर-14 पंचकूला, राजकीय महाविद्यालय बरवाला तथा राजकीय महाविद्यालय कालका के विद्यार्थी अपनी प्रतिभा को पंख देकर सफलता की उड़ान भर सकेंगे। उन्होंने कहा कि ‘स्टार्टअॅप इन्क्यूबेटर-कम-सैंटर ऑफ एक्सीलेंस’ से जहां युवाओं के लिए नौकरियों के कई द्वार खुलेंगे वहीं वे खुद उद्योगपति भी बन सकेंगे। श्री शर्मा ने उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे गुणवत्तापरक कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘शिक्षा सेतू’ नाम की मोबाइल एप, न्यू वैबपोर्टल शुरू होने से महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थी अब ऑनलाइन अपनी फीस भर सकेंगे, स्कॉलरशिप प्राप्त कर सकेंगे। इन दोनों कार्यक्रमों की लांचिंग से विद्यार्थियों, अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों की विस्तृत सूचना ऑनलाइन उपलब्ध होगी। विद्यार्थियों की शिकायतें व अध्यापकों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन भी किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार उच्चतर शिक्षा में सुधारात्मक कदम उठा रही है। पिछले साल 10 फरवरी 2017 को राज्य सरकार ने एक साथ 21 महाविद्यालयों की आधारशिला रखी थी और और इस साल भी 10 से अधिक कन्या महाविद्यालयों को खोला जा रहा है। उन्होंने बताया कि नारी शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है, मोरनी जैसे पहाड़ी क्षेत्र में लड़कियों के लिए विशेष सरस्वती बसें चलाई जाएंगी। शिक्षामंत्री ने ‘पतंग’ नामक योजना की शुरूआत करते हुए कहा कि इससे महाविद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को पासपोर्ट बनवाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने पंचकूला के राजकीय महाविद्यालय में पढऩे वाले 21 विद्यार्थियों को पासपोर्ट भी वितरित किए। उच्चतर शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ज्योति अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि हरियाणा के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा हासिल कर सकें ताकि वे प्रतियोगिता के युग कहीं भी पीछे न रहें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया की सोच को साकार करने के लिए हरियाणा सरकार भी ‘स्टार्टअॅप इन्क्यूबेटर-कम-सैंटर ऑफ एक्सीलेंस’ जैसे कदम उठा रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से आहवान किया कि वे अपनी सोच को ऊंची उड़ान भरने दें और नौकरी ढूंढने की बजाए नौकरी देने वाले बनें। श्रीमती अरोड़ा ने बताया कि राज्य के उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में भी प्रतियोगिता की भावना पैदा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। महाविद्यालयों के लिए 80 तथा विश्वविद्यालयों के लिए 30 बिंदुओं का पैरामीटर बनाया गया है जिनके आधार पर उनकी उत्कृष्टता व श्रेष्ठता आंकी जाती है। यह सब जानकारी विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध होगी। कार्यक्रम में स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे बढऩे वाले विद्यार्थियों ने भी अपने-अपने अनुभव सांझा किए तथा उन्होंने ‘स्टार्टअॅप इन्क्यूबेटर-कम-सैंटर ऑफ एक्सीलेंस’ शुरू करने की हरियाणा सरकार की सराहना की।

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(आहूजा)

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