IMF की ताजा रिपोर्ट पर बोली वित्त मंत्री- भारत सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसे और तेजी से विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
05:23 AM Oct 18, 2019 IST | Desk Team
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसे और तेजी से विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सीतारमण ने गुरुवार को भारतीय संवाददाताओं के समूह से कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भले ही भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था अब भी सबसे तेजी से विकास कर रही है। वह वाशिंगटन में आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने आई हैं।
सीतारमण ने कहा कि हालांकि आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट में भारत और चीन दोनों की विकास दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है, लेकिन वह निश्चित ही चीन के साथ तुलना नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, “आईएमएफ ने (अपने हालिया अनुमान में) विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास दर कम कर दी है। इसने भारत के लिए विकास अनुमान कम कर दिया है। इसके बावजूद भारत अब भी सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्था के तौर पर आगे बढ़ रहा है।”
आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रपट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है हालांकि उसे उम्मीद है कि 2020 में इसमें सुधार होगा और तब देश की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रह सकती है। यह (2019 की दर) 2018 में भारत की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से भी कम है।
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सीतारमण ने कहा कि जो कुछ भी कहा जा रहा है, इसके बावजूद इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि भारत वैश्विक परिदृश्य में अब भी ‘‘सबसे तेजी से विकास’’ कर रहा है। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं यह दर और अधिक हो सके। मैं चाहती हूं कि यह और तेजी से विकास कर सके। मैं इसे और तेजी से विकसित करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगी, लेकिन यह सचाई है कि भारत अब भी तुलनात्मक रूप से तेजी से विकास कर रहा है।”
सीतारमण ने कहा, “यह सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं होने वाली हूं।” केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “यह आठ नहीं है। यह सात नहीं है। यह छह पर आ गई है। हां, यह सब महत्त्वपूर्ण है। लेकिन मैं उस क्षमता को कम नहीं आंकना चाहती जो भारत इस विपरीत परिस्थिति के बावजूद दिखा रहा है।”
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