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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में दुनिया का अग्रणी बन सकता है भारत

भारत में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस-एआई) क्षेत्र का वैश्विक अगुआ बनने की क्षमता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एआई को बड़े पैमाने पर देश की शिक्षा व्यवस्था में शामिल किया जाए।

09:27 AM Sep 28, 2019 IST | Desk Team

भारत में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस-एआई) क्षेत्र का वैश्विक अगुआ बनने की क्षमता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एआई को बड़े पैमाने पर देश की शिक्षा व्यवस्था में शामिल किया जाए।

वाशिंगटन : भारत में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस-एआई) क्षेत्र का वैश्विक अगुआ बनने की क्षमता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एआई को बड़े पैमाने पर देश की शिक्षा व्यवस्था में शामिल किया जाए। इंफोसिस के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का ने एक विशेष बातचीत में यह बात कही। हाल ही में पांच करोड़ डॉलर के कोष वाले एआई स्टार्टअप वायनाय सिस्टम की घोषणा करने वाले सिक्का ने कहा कि एआई या कृत्रिम मेधा के मामले में भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। उन्होंने कहा कि अगले 20-25 सालों में, कृत्रिम मेधा भारतीय समाज के लिए एक बहुत बड़ा परिवर्तन लाने वाला सिद्ध होने जा रही है। ऑटोमेशन (स्वचालन) की अभी शुरुआत ही हुई है। 
उन्होंने कहा कि यदि हम शिक्षा में कृत्रिम मेधा को लाने में सफल रहे तो देश में एआई प्रणाली बनाने की क्षमता बड़े पैमाने पर है। यह भारत की एक लंबी छलांग हो सकती है और यह भारत को कृत्रिम मेधा, एआई कौशल और एआई प्रतिभा में विश्व में अग्रणी बना सकती है। ऐसा करने के लिए हमें कई दिशाओं में एक साथ काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर सिक्का ने पिछले महीने नीति आयोग के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया था। इसमें बताया था कि कैसे बड़े पैमाने पर भारतीय समाज में कृत्रिम मेधा की पहुंच को बढ़ाया जा सकता है। 
एआई पर सिक्का के प्रस्तुतीकरण के दौरान 20 केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। सिक्का के मुताबिक प्रधानमंत्री ने मजाक में कहा था कि उन्होंने जब भी छात्रों को डिजिटल कक्षा में पढ़ते देखा तो पाया कि वे उसमें इतने तल्लीन हो जाते हैं कि दोपहर का खाना खाना भी भूल जाते हैं। सिक्का ने कहा कि यह बहुत ही प्रोत्साहित करने वाला था लेकिन मुझे लगता है इस दिशा में बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने डिजिटल कक्षाओं की तरह देशव्यापी बहुआयामी कार्यक्रमों का सुझाव दिया है।
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