चंडीगढ़ में 6 दिसंबर से भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने रविवार को भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) की चल रही तैयारियों का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। आईआईएसएफ अगले महीने 6 से 9 दिसंबर तक चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा। जितेंद्र सिंह ने 29 सितंबर को आयोजित पिछली समीक्षा में हुए विचार-विमर्श के आधार पर कहा कि इस वर्ष का आईआईएसएफ एक सशक्त राष्ट्रीय आख्यान स्थापित करेगा, जिसमें दिखाया जाएगा कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार के प्रति भारत के दृष्टिकोण में आमूल-चूल परिवर्तन आया है।
Reviewed preparations for 4-day "India International Science Festival" #IISF2025 to be held at Chandigarh from 6 December. After #ESTIC2025 Conclave (Emerging Science, Technology, Innovation Conclave) at New Delhi from 3 to 6 November, this will be the second major global event… pic.twitter.com/1FS2hSJKPu
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) November 2, 2025
आज नीतियां विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा निर्देशित
जितेंद्र सिंह ने विज्ञान-आधारित शासन की ओर भारत के निर्णायक बदलाव पर जोर देते हुए कहा कि आज विज्ञान नीति का नेतृत्व करता है। वे दिन गए जब विज्ञान नीति का इंतजार करता था। आज, नीतियां विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा निर्देशित होती हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मंत्रालयों, शिक्षा जगत, उद्योग और स्टार्टअप्स में भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का जश्न मनाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना को दर्शाता है। मंत्री ने कहा कि इस वर्ष का आईआईएसएफ उन प्रमुख क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा जो राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता के स्तंभ बन गए हैं।
प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भारत की आत्मनिर्भरता
उन्होंने कहा कि आईआईएसएफ 2025 न केवल वैज्ञानिक आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा, बल्कि प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भारत की आत्मनिर्भरता के उत्सव के रूप में भी कार्य करेगा। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. अजीत कुमार मोहंती, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव तथा सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी मौजूद रहे।

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