पाकिस्तानी गीदड़ भभकियों से नहीं डरता भारत
जब से पाकिस्तान ने चोरी-चकारी से परमाणु बम बनाया है तभी से वह भारत पर परमाणु हमला करने की धमकियां दे रहा है। पाकिस्तान के नेताओं के साथ-साथ सैन्य अधिकारी भी भारत को परमाणु हमले की धमकी देते रहे हैं। अब अमेरिका में बैठकर पाकिस्तानी सेना प्रमुख अािसम मुनीर ने भी भारत को परमाणु हमले की धमकी दी है। पाकिस्तान कई बार परमाणु हमले की धमकी दे चुका है, जबकि भारत ने कभी भी ऐसी धमकी किसी देश को नहीं दी है। अब सवाल ये है कि पाकिस्तान में परमाणु बम का कंट्रोल है किसके पास, सरकार के पास या सेना के पास?
पाक के परमाणु सिस्टम को कौन कंट्रोल करता है? क्योंकि पूरी दुनिया जानती है कि अगर यह बम किसी गलत हाथ में पड़ा तो विनाश तय है। यही कारण है कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ समय पूर्व अंतर्राष्ट्रीय परमाणु शक्ति संगठन से कहा था कि पाकिस्तान एक आतंकी मानसिकता का अड्डा बन चुका है और उसके आणविक हथियार संगठन द्वारा छीन लिए जाने चाहिए, क्योंकि यह भारत ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्व शांति के लिए खतरा है। भारत कई बार पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर चिंता जता चुका है और दुनिया को आगाह भी कर चुका है। पाकिस्तानी सेना के फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर, जो कि दो महीनाें के अंदर दूसरी बार अमेरिका के दौरे पर हैं, क्योंकि उन्हें वहां की सेंटकॉम, अर्थात सभी प्रकार की सेनाओं के मुखिया माईकल कुरील के विदाई कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, वहां से वह अपनी आदत के अनुसार उल्टे-सीधे बयान जारी करते जा रहे हैं।
उनके के हालिया बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने कहा है कि परमाणु हमले की धमकी देना पाकिस्तान की आदत में शामिल है। विदेशी मंत्रालय का यह बयान उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें आसिम मुनीर की एक चेतावनी का ज़िक्र किया गया है। अमेरिका में पाकिस्तानियों के साथ एक कार्यक्रम के दौरान आसिम मुनीर ने कहा था कि अगर भारत के साथ भविष्य की जंग में पाकिस्तान के अस्तित्व को खतरा हुआ तो वह पूरे क्षेत्र को परमाणु युद्ध में झोंक देगा। यह एक बड़ा गैैर जिम्मेदाराना है और आजकल वह पाकिस्तानी "प्राइम मिनिस्टर इन शैडो" के रोल में दिख रहे हैं।
बड़े मियां तो बड़े मियां, बेटा पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भी पीछे नहीं। उन्होंने भारत को सिंधु जल के ऊपर भी धमकी दे डाली कि भारत-पाक के बीच सभी नदियां पाकिस्तान जंग कर के ले लेगा। अजीब मिजाज बन गया है इन लोगों का। इसी संदर्भ में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री, इमरान खान ने कभी माना था कि भारत और पाकिस्तान बड़े और छोटे भाईयों की तरह हैं जो एक ही मां के बेटे हैं और विभाजन के समय अलग कर दिए गए। कश्मीर समस्या के बारे में उन्होंने कहा था कि इसे "बैक बर्नर" पर अर्थात पिछवाड़े में डाल देना चाहिए और दोनों देशों को परस्पर व्यापार, सांस्कृतिक वो खेलकूद आदि कार्यक्रमों के आदान-प्रदान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। ऐसा उन्होंने इसलिए कहा था कि बतौर एक क्रिकेट खिलाड़ी उनके संबंध भारतीय खिलाड़ियों से बड़े मधुर रहे हैं। यह अलग बात है कि आईएसआईएस के सैनिक प्रबंधन ने उन्हें भी जकड़ लिया, जिसके कारण वे भारत से दोस्ती का प्रोजेक्ट नहीं चला पाए। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर का यह बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि मई में हुए संघर्ष में पाकिस्तान को कामयाबी मिली थी। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत 'विश्व गुरु" बनने का दावा करता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।
आसिम मुनीर का बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब शनिवार और रविवार को ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय थल सेना और वायु सेना प्रमुखों के अलग-अलग बयान सामने आए थे। भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में आईआईटी मद्रास में एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। जनरल द्विवेदी ने कहा था कि पहलगाम हमले के जवाब में चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ किसी भी पारंपरिक मिशन से अलग था। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने दावा किया था कि मई में हुए संघर्ष के दौरान भारत ने ‘छह पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया था।’ हालांकि, उसी रोज पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ने बयान जारी कर छह विमान गिराए जाने के दावे का खंडन किया।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमले के बाद भारत ने बताया था कि 6-7 मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में स्थित चरमपंथी कैंपों को निशाना बनाया है। इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष शुरू हो गया था 10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति बनने के बाद गोलीबारी थम गई। उस समय पाकिस्तान ने भारत के ‘पांच लड़ाकू विमान गिराने’ का दावा किया था, जिसे भारत ने सिरे से ख़ारिज कर दिया था। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद नैरेटिव मैनेजमेंट पर भी अपनी बात रखी। जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘नैरेटिव मैनेजमेंट सिस्टम वह चीज़ है जिसे हमने बड़े पैमाने पर समझा, क्योंकि जीत दिमाग में होती है, हमेशा दिमाग में रहती है अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि आप हारे या जीते, तो वह कहेगा- 'मेरा चीफ फ़ील्ड मार्शल बन गया है। हम जीते हैं, तभी वह फ़ील्ड मार्शल बना है'।’
दरअसल, यह टिप्पणी उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के फ़ील्ड मार्शल बनने के संदर्भ में की, जिन्हें भारत-पाकिस्तान संघर्ष के कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान सरकार ने यह पद दिया था। इसी के साथ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति को शतरंज के खेल से तुलना करते हुए बताया कि इस दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे की चालें समझने और तोड़ने में लगे थे। अंत में ट्रंप को भी सोचना चाहिए कि जिस देश को उनका देश आतंकी देश कहता था, आज उसके कर्ता-धर्ता, जो कि एक सैनिक है, उनके आगे-पीछे फिर रहे हैं और अपने इकबाल को समाप्त करने में लगे हैं। भारत से रंजिश की चोट अभी ठंडी है, मगर कुछ समय बाद इसकी गर्मी महसूस होगी।