PM मोदी की अगुवाई में UAE और भारत के बीच 10 समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, निवेश तथा अभिलेखागार के प्रबंधन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मंगलवार को हुई बैठक के दौरान 10 समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। क्वात्रा ने बताया कि बिजली और व्यापार के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन ऊर्जा सुरक्षा तथा व्यापार सहयोग सुनिश्चित करने के अलावा हरित हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण पर केंद्रित होगा।
- भारत और UAE के बीच हुए 10 समझौते
- विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को यह जानकारी दी
- समझौते के तहत मुख्य क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स मंचों पर सहयोग शामिल है
मुख्य क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स मंचों पर सहयोग शामिल
उन्होंने कहा कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे के सशक्तिकरण और संचालन के लिए सहयोग से संबंधित अंतर-सरकारी रूपरेखा समझौता क्षेत्रीय संपर्क को आगे बढ़ाएगा। विदेश सचिव ने कहा, इस समझौते के तहत मुख्य क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स मंचों पर सहयोग शामिल है जो इन विशेष गलियारों के उद्देश्यों को आगे बढ़ाता है। क्वात्रा ने कहा, तमाम बातों के साथ यह देखना है कि IMEC कितनी तेजी से संचालित होता है और इसमें शामिल पक्षों के बीच मजबूत, गहरे, अधिक व्यापक क्षेत्रीय संपर्क के मूल उद्देश्य को कितना लाभ मिलता है।
IMEC को बेल्ट एंड रोड के रूप में देखा जा रहा
G20 शिखर सम्मेलन के दौरान सितंबर में नई दिल्ली में भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की गई थी। IMEC को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। विदेश मंत्री क्वात्रा ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता ज्ञापन डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश सहयोग सहित व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा। साथ ही प्रौद्योगिकी ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा। विदेश सचिव ने कहा, सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ नियामक प्राधिकरण भी इस समझौता ज्ञापन के तहत साझेदारी बनाने की कोशिश करेंगे। यह डिजिटल स्पेस के प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस करेगा जिसमें कंप्यूटिंग, डिजिटल नवाचार और डेटा प्रबंधन से संबंधित मंच शामिल हैं।
दोनों पक्ष करेंगे मिलकर काम
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय निवेश संधि एक मजबूत, व्यापक निवेश साझेदारी के लिए आधार तैयार करेगी क्योंकि यह न केवल मौजूदा निवेश की रक्षा पर केंद्रित है, बल्कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच आगे पूंजी प्रवाह के उद्देश्य को भी आगे बढ़ाती है। क्वात्रा ने कहा कि राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास पर समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देगा, जिसका उद्देश्य गुजरात के लोथल में समुद्री विरासत परिसर का समर्थन करना है। विदेश सचिव ने कहा, दोनों पक्ष इस परियोजना को व्यापक रूप से विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
वहीं तत्काल भुगतान मंच UPI और UAE का ANI को जोड़ने संबंधी समझौते से दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी। विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि घरेलू डेबिट/क्रेडिट कार्ड-रुपे को जयवान के साथ जोड़ने पर समझौता वित्तीय क्षेत्र में सहयोग के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पूरे UAE में रुपए की सार्वभौमिक स्वीकृति को बढ़ाएगा।
आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई पर बोले विदेश सचिव
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यहां यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के हमेशा प्रयास किए हैं और अन्य देशों के नेताओं से बात की है। क्वात्रा ने कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब भी भारतीय समुदाय को समस्याओं का सामना करना पड़ा है, तो प्रधानमंत्री, उनके नेतृत्व और उनकी व्यक्तिगत कोशिशों ने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें भारत वापस लाया जाए। कतर ने सोमवार को भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी और जिनकी सजा को अलग-अलग अवधि की जेल की सजा में बदल दिया गया था। इनमें से सात भारतीय सोमवार को स्वदेश लौट आए। इन भारतीय नागरिकों को अगस्त 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
PM ने भारतीयों की सुरक्षा के लिए प्रयास किए- क्वात्रा
क्वात्रा ने प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की जानकारी देते हुए कहा, यह भारतीय समुदाय के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री द्वारा अपनाए जाने वाले संवेदनशील नजरिए का प्रत्यक्ष प्रमाण है। विदेश सचिव ने कहा कि पिछले 10 साल में जब भी भारतीय नागरिकों के सामने कोई समस्या आई है, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न केवल विदेश मंत्रालय, बल्कि पूरी सरकार को शामिल करने का दृष्टिकोण अपनाया गया है। क्वात्रा ने कहा, भारतीय नागरिक, चाहे वे कहीं भी हों, उन्हें हर संभव और उचित मदद दी जानी चाहिए। ये प्रधानमंत्री के निर्देश हैं। विदेश सचिव ने कहा, प्रधानमंत्री ने अन्य देशों के नेताओं से बात करने की पहल की है और उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि भारतीय नागरिक जहां भी हों, वे सुरक्षित रहें और जरूरत पड़ने पर उन्हें भारत वापस लाया जाए। क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री बुधवार शाम कतर जाएंगे। विदेश सचिव ने कहा कि भारत और कतर के बीच व्यापक संबंध हैं और प्रधानमंत्री की दोहा यात्रा संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खाड़ी क्षेत्र के हर देश के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए व्यक्तिगत पहल की है।
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