New Criminal Laws: गृह मंत्री Amit Shah नए आपराधिक कानूनों पर 28 अगस्त को देंगे व्याख्यान
New Criminal Laws: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह बुधवार को नए आपराधिक कानूनों और नागरिक सुधारों पर व्याख्यान देंगे। इसका शीर्षक 'नए आपराधिक कानून - नागरिक केंद्रित सुधार' है।
Highlights
- पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 54वें स्थापना दिवस
- स्थापना दिवस में शामिल होंगे गृह मंत्री अमित शाह
- Amit Shah नए आपराधिक कानूनों पर देंगे भाषण
स्थापना दिवस में अमित शाह New Criminal Laws पर देंगे भाषण
नई दिल्ली में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 54वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे गृहमंत्री अमित शाह कार्यक्रम में अपना व्याख्यान देंगे। यह ब्यूरो द्वारा प्रकाशित ‘इंडियन पुलिस जर्नल’ के विशेष संस्करण का विमोचन भी करेंगे जो नए आपराधिक कानूनों(New Criminal Laws) पर है। इस दौरान गृह मंत्री वर्ष 2023 और 2024 के लिए विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक विजेताओं को सम्मानित करेंगे।
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो पुलिस बलों को बना रहा स्मार्ट
अमित शाह(Amit Shah) के मुताबिक, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो देश के पुलिस बलों को आवश्यक बौद्धिक, भौतिक और संगठनात्मक संसाधनों से लैस कर रहा है। साथ ही ब्यूरो, पुलिसिंग और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए पुलिस बलों को स्मार्ट बनाने का काम कर रहा है। पुलिसिंग में उत्कृष्टता बढ़ाने के लिए ब्यूरो भारतीय पुलिस के थिंक टैंक के रूप में कार्य कर रहा है।
Amit Shah के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहेंगे
इस संस्थान का काम पुलिस एवं सुधारात्मक सेवाओं के लिए नीतियां और कार्य प्रणालियां विकसित करना, प्रौद्योगिकियों की खोज करना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों का क्षमता निर्माण और राज्यों तथा केन्द्रीय पुलिस संगठनों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना है। स्थापना समारोह में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, केन्द्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के साथ-साथ गृह मंत्रालय एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।
ब्रिटिश राज के तीनों कानूनों को बदला गया
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून देश में लागू हो चुके हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित होगी जिससे तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल सकेगा। ये कानून संसद ने बीते शीतकालीन सत्र में पारित किए गए थे। ये नए कानून(New Criminal Laws) भारत में ब्रिटिश राज से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और एविडेंस एक्ट का स्थान ले चुके हैं। लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को पिछले साल 20 दिसंबर और राज्यसभा ने 21 दिसंबर को पारित किया था।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।