India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

कांग्रेस ने लगाया केंद्र पर आरोप, कहा- 'BJP महिला आरक्षण विधेयक लागू करने की इच्छुक नहीं......'

03:35 PM Sep 25, 2023 IST
Advertisement

कांग्रेस ने सोमवार को केंद्र सरकार पर एक बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि नरेन्द्र मोदी सरकार महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की इच्छुक नहीं है और इसका केवल चुनावी हथकंडे के रूप में लाभ उठाना चाहती है।सोशल मीडिया और डिजिटल मंचों के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की राष्ट्रीय समन्वयक भव्या नरसिम्हामूर्ति ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए मांग की कि सरकार बिना किसी देरी के विधेयक को लागू करे।
33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का कानून पेश किया था
आपको बता दें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने संबंधी विधेयक को पिछले सप्ताह संसदीय मंजूरी मिल गई। हालांकि, यह आरक्षण जनगणना और परिसीमन कार्य पूरा होने के बाद ही लागू होगा।नरसिम्हामूर्ति ने याद दिलाया कि 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं के लिए स्थानीय निकायों में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का कानून पेश किया था।
स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘हालांकि, जब विधेयक पेश किया गया, तो भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी ने इसके खिलाफ मतदान किया था। विधेयक लोकसभा में पारित हो गया लेकिन राज्यसभा में केवल सात वोट से पारित नहीं हो सका।’’उन्होंने कहा कि दिसंबर 1992 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव ने संविधान में 73वें और 74वें संशोधन को पारित करने का समर्थन किया, जिसमें पंचायती राज संस्थानों, पंचायती राज संस्थानों के सभी स्तरों पर अध्यक्ष के कार्यालयों और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की गईं।
महिला आरक्षण विधेयक पेश किया और यह राज्यसभा में पारित
उन्होंने कहा कि 2010 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पेश किया और यह राज्यसभा में पारित हो गया।उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, सर्वसम्मति नहीं बनने के कारण विधेयक लोकसभा में पारित नहीं हो सका।’’उन्होंने कहा कि राज्यसभा में पेश या पारित किए गए विधेयक समाप्त नहीं होते हैं, इसलिए महिला आरक्षण विधेयक बरकरार रहा।नरसिम्हामूर्ति ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के पास पूर्ण बहुमत होने के बावजूद मोदी सरकार ने साढ़े नौ साल तक विधेयक को लागू क्यों नहीं किया? सरकार विधेयक लागू करने में देरी की रणनीति के तहत जनगणना और परिसीमन की शर्तें लगा रही है।’’

Advertisement
Next Article