ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की मांगें मानी, पुलिस आयुक्त और स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने का किया ऐलान
ममता बनर्जी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है, जिसमें कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बर्खास्तगी शामिल है। यह निर्णय एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक कदम है, जो पश्चिम बंगाल में चिकित्सा समुदाय और सरकार के बीच तनाव को खत्म करने की दिशा में लिया गया है।
Highlight :
- डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील
- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बर्खास्तगी
- कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाया
CM ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों की मानी प्रमुख मांगें
मंगलवार को, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने इस्तीफा देने की पेशकश की है और उन्हें शाम 4 बजे अपने पद से हटा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पुलिस विभाग के उत्तर क्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर अभिषेक गुप्ता को भी हटाने का निर्णय लिया गया है। यह कदम जूनियर डॉक्टरों की उन मांगों को पूरा करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिनमें अधिकारियों की बर्खास्तगी और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग शामिल थी।
पुलिस आयुक्त को हटाने का निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा, हमने जूनियर डॉक्टरों की अधिकांश मांगों को मान लिया है। हमने पुलिस आयुक्त को हटाने का निर्णय लिया है और उन्होंने इस्तीफा देने के लिए भी सहमति जताई है। इसके अलावा, डिप्टी कमिश्नर उत्तर अभिषेक गुप्ता को भी हटाया जाएगा। हम डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भी पूरी गंभीरता से काम करेंगे।
जूनियर डॉक्टरों ने अपने विरोध के दौरान कोलकाता पुलिस आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। यह विरोध 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के एक सेमिनार रूम में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले के खिलाफ शुरू हुआ था। डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार से पीड़िता के लिए न्याय, मामले में त्वरित जांच, और पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
प्रमुख मांगों में पुलिस आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अधिकारियों की बर्खास्तगी शामिल
रिज़ीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) और पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने इन मांगों को लेकर कई बार प्रदर्शन और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थीं। उनकी प्रमुख मांगों में पुलिस आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अधिकारियों की बर्खास्तगी शामिल थी, जिसे अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वीकार कर लिया है।
डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील
इस बीच, मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील की है ताकि आम नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं में कोई बाधा न आए। उन्होंने कहा कि सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में भी ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से स्पष्ट है कि सरकार डॉक्टरों के साथ संवाद और उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर है, और यह कदम तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने में सहायक हो सकता है।
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