17 दिन में 12 पुल गिरने पर नीतीश सरकार सख्त, मामले में 15 इंजीनियर सस्पेंड
बिहार में 17 दिनों के भीतर 12 पुल गिर गए हैं जिसके नीतीश सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। एक के बाद एक पुल गिरने के हादसे के बाद 15 इंजीनियर को सस्पेंड किया गया है। इसमें जल संसाधन विभाग के 11 और ग्रामीण कार्य विभाग के अन्य चार शामिल हैं। बताया गया कि विभिन्न जिलों में पिछले दिनों कुल 12 पुल-पुलिया ध्वस्त हुए हैं, जिसमें से छह पुल-पुलिया बहुत पुराने थे एवं तीन पुल-पुलिया निर्माणाधीन थे।
- बिहार में 17 दिनों के भीतर 12 पुल गिर गए हैं
- नीतीश सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है
- पुल गिरने के बाद 15 इंजीनियर को सस्पेंड किया गया है
इन्हें किया गया निलंबित
जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि तीन और चार जुलाई को सीवान एवं सारण जिलों में छाड़ी गंडकी नदी पर अवस्थित छह पुल-पुलिया ध्वस्त हुए। विभागीय उड़नदस्ता की जांच में पाया गया कि कार्य के दौरान पुल बनाने वाले इंजीनियरों ने नदी पर अवस्थित पुल- पुलिया को सुरक्षित रखने को लेकर उचित कदम नहीं उठाए। उन्होंने बताया कि इन पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यान्वयन से संबंधित दोषी जल संसाधन विभाग के 11 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें कार्यपालक इंजीनियर अमित आनन्द और कुमार ब्रजेश, सहायक इंजीनियर राजकुमार, चन्द्रमोहन झा, सिमरन आनन्द और नेहा रानी तथा कनीय अभियंता मो. माजिद, रवि कुमार रजनीश, रफीउल होदा अंसारी, रतनेश गौतम तथा प्रभात रंजन शामिल हैं।
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक इंजीनियर भी निलंबित
जबकि, 18 जून को अररिया में पुलिया क्षतिग्रस्त मामले में निर्मल कुमार (मुख्य इंजीनियर, ग्रामीण कार्य विभाग, पूर्णिया) की अध्यक्षता में जांच दल का गठन कर क्षतिग्रस्त पुल की जांच कराई गई है। क्षतिग्रस्त पुल के निर्माण कार्य में कर्तव्यहीनता बरतने के फलस्वरूप ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक इंजीनियर अंजनी कुमार, आशुतोष कुमार रंजन तथा कनीय इंजीनियर वीरेन्द्र प्रसाद और मनीष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
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