नवरात्रि के पांचवे दिन मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, स्कंदमाता की पूजा में दिखा भव्य उत्साह
नवरात्रि : शारदीय नवरात्रि के त्योहार की धूमधाम पूरे देश में देखने को मिल रही है। भक्तों ने नवरात्रि के पांचवे दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिए मंदिरों में उमड़ी भीड़ के साथ आरती और प्रार्थना का आयोजन किया। यह त्योहार, जो देवी दुर्गा की नौ रातों का उत्सव है, आध्यात्मिकता से भरा हुआ है और भक्तों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है।
Highlight :
- शारदीय नवरात्रि के त्योहार की धूमधाम
- भक्तों ने नवरात्रि के पांचवे दिन आरती और प्रार्थना का आयोजन किया
- नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है
श्री आध्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर में भव्य आरती का आयोजन
इस विशेष दिन को मनाने के लिए दिल्ली के छतरपुर में स्थित श्री आध्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर में भक्तों ने भव्य आरती का आयोजन किया। नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जो शक्ति, करुणा और ज्ञान का प्रतीक मानी जाती हैं। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भी भक्तों की भीड़ बड़ी देवकाली देवी मंदिर में देखी गई, जहां भक्तों ने देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की। इसी प्रकार, कनक दुर्गा मंदिर में भी भक्तों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर देवी की आराधना की।
शारदीय नवरात्रि के दौरान, श्री कनकदुर्गा को श्री महा चंडिका देवी के रूप में सजाया जाता है। महा चंडिका देवी का महत्व भी विशेष है, क्योंकि उनका जन्म दुष्टों को दंडित करने और धर्म की रक्षा करने के लिए हुआ था। भक्तों का मानना है कि उनकी पूजा से व्यक्ति को ज्ञान, धन और प्रसिद्धि प्राप्त होती है। नवरात्रि का यह पर्व, जो हिंदू संस्कृति में गहरी जड़ें रखता है, हर साल अश्विन मास के दौरान मनाया जाता है। यह उत्सव न केवल देवी दुर्गा की महिमा को बढ़ाता है, बल्कि यह भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव भी है। नवरात्रि के दौरान भक्त उपवास करते हैं, भक्ति गीत गाते हैं और गरबा तथा डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्यों में भाग लेते हैं, जिससे पूरे वातावरण में खुशी और उत्साह का संचार होता है।
बता दें कि, नवरात्रि का सातवां दिन देवी दुर्गा के उग्र स्वरूप 'माँ कालरात्रि' की पूजा के लिए समर्पित होता है। उन्हें बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करने वाली के रूप में पूजा जाता है। भक्तों का मानना है कि माँ कालरात्रि अंधकार को दूर करने में मदद करती हैं। यह नौ दिवसीय उत्सव, जिसे राम नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, भगवान राम के जन्मदिन राम नवमी पर समाप्त होता है। इस अवसर पर लोग देवी दुर्गा की आराधना करते हैं और देवी शक्ति का आह्वान करते हैं। शारदीय नवरात्रि के पर्व पर, देवी महागौरी की पूजा भी की जाती है, जो शांति और सुख का प्रतीक मानी जाती हैं। इस प्रकार, नवरात्रि एक जीवंत और पवित्र हिंदू त्योहार है, जो भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का एक महापर्व बन गया है।
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