रेलमंत्री Ashwini Vaishnaw ने कहा, 'पांच से छह सालों में रेलवे से वेटिंग लिस्ट होगा खत्म'
Ashwini Vaishanav On Waiting List in Trains: मुंबई में 'विकसित भारत एंबेसडर' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज से 10 साल पहले रेलवे की बात करते थे तो अलग तस्वीरें नजर आती थी। रेलवे स्टेशनों और ट्रेन में गंदगी की समस्या होती थी। 10 साल पहले रेलवे की हालत थी कि इसको राइट ऑफ किया हुआ था।
Highlights:
- रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने वेटिंग टिकट को लेकर पेश किया विज़न प्लान
- मुंबई में 'विकसित भारत एंबेसडर' कार्यक्रम को कर रहे थे संबोधित
- कांग्रेस को बताया चुना लगाने की दूकान
इसी कार्यक्रम में उन्होंने मंच से यह भी बता दिया कि आने वाले 5-6 सालों में रेलवे में वेटिंग लिस्ट का झमेला खत्म हो जाएगा।
इस दौरान अश्विनी वैष्णव ने बिना नाम लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ नेता लोग थे, जो जमीन के बदले जॉब देकर इस तरह के कारनामे करके अपना घर भरते थे या फिर अपने बच्चों को स्थापित करने में लगे रहते थे।
रेलवे के बजट को आम बजट में मर्ज कर दिया, ब्याज कम किया - Ashwini Vaishnaw
उन्होंने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने रेलवे की उपेक्षा करते हुए सोचा था, इसमें कुछ परिवर्तन नहीं होने वाला है। लेकिन, पीएम मोदी ने आते ही इस प्रॉब्लम को समझा और जाना कि आखिर रेलवे में निवेश क्यों नहीं आता है। भारत सरकार रेलवे को जो ग्रांट देती थी, उसके ऊपर भी 7 टका ब्याज लगता था, मतलब सरकार से सरकार के बीच भी ब्याज जाता था। लेकिन, पीएम मोदी बड़ी ही बारीकी से हर काम को जांचते-परखते हैं। जब उनको ये समझ आया तो उन्होंने सबसे पहले रेलवे के बजट को आम बजट में मर्ज कर दिया। जो सात टके ब्याज वाली बात थी, वो खत्म हो गई।
मोदी सरकार ने एक साल में 5,300 किलोमीटर पटरियां बिछाई - Ashwini Vaishnaw
कांग्रेस चुना लगाने की दूकान - Ashwini Vaishnaw
वैष्णव ने कार्यक्रम में बताया कि हम रेलवे के लिए सुपर ऐप बनाने जा रहे हैं, जिसमें रेलवे से जुड़ी जितनी भी सुविधाएं हैं। जैसे आपको देखना है कि कौन सी ट्रेन कहां से कहां जा रही है, टिकट लेना हो, रिजर्व या अनरिजर्व हो। रिजर्व हो तो आईआरसीटीसी का उपयोग करके और अनरिजर्व हो तो लाइन में लगना ना पड़े। इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखकर एक सुपर ऐप बनाने जा रहे हैं। जिससे आपकी जिंदगी में रेलवे का एक नया एक्सपीरियंस हो। इस ऐप को बनाने में करीब 4 से 5 महीने लग सकते हैं।