किसानों को पराली जलाने से रोकना अफसरों को पड़ गया भारी, बनाया बंधक, FIR
पंजाब के बठिंडा जिले में किसानों के एक समूह ने कथित तौर पर एक सरकारी अधिकारी, जो खेत में आग जलाने से रोकने पहुंचे अफसरों को किसानों ने बंधक बना लिया, उनसे खेत में पड़े डंठल को जलाने के लिए मजबूर किया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। यह घटना तब सामने आई जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने एक्स हैंडल पर पूरी घटना का एक कथित वीडियो पोस्ट किया। मान ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज होनी शुरू हो गयी है।
आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज
बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने कहा कि घटना नहियां वाला पुलिस थाना क्षेत्र के मेहमा सरजा गांव में हुई, अधिकारियों की एक टीम महमा सरजा गांव में किसानों को पराली न जलाने के लिए मनाने गई थी। इस दौरान वहां के किसानों ने अपनी यूनियन बुलाई और हमारे नागरिक प्रशासन के अधिकारी हरप्रीत सिंह को उस पराली को जलाने के लिए मजबूर किया। एसएसपी खुराना ने कहा कि मामले में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पराली जलाने से बढ़ता है प्रदूषण
इस मामले में एफआईआर में कुल 7 लोगों को नामित किया गया है और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। खेत का मालिक राम सिंह था। इसके अलावा, यूनियन के अन्य सदस्य भी मौके पर मौजूद थे। मामले में आरोपियों की पहचान की जा रही है और छापेमारी की जा रही है। कृषि प्रधान राज्यों पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पराली जलाना व्यापक रूप से प्रचलित है। यह धान, गेहूं आदि जैसे अनाजों की कटाई के बाद बचे भूसे के अवशेषों को आग लगाने की एक प्रक्रिया है। खेत के अवशेषों को जलाने की प्रक्रिया उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है, जिससे आसपास की हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है।
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