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सुप्रीम कोर्ट ने चित्तौड़गढ़ किले के संरक्षण के दिए आदेश

09:27 PM Jan 14, 2024 IST
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सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एएसआई संरक्षित ऐतिहासिक महत्व के चित्तौड़गढ़ किले के संरक्षण के आदेश दिये हैं। कोर्ट ने किले के पांच किलोमीटर के दायरे में खनन आदि के लिए किसी भी तरह के विस्फोट पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने का निर्देश दिया है, जो पर्यावरण प्रदूषण और पांच किलोमीटर के दायरे से बाहर खनन के लिए किये जाने वाले विस्फोट के किले पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करेगी।

Highlights 

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने गत 12 जनवरी को दिए आदेश में चित्तौड़गढ़ किले पर खनन के लिए किये जाने वाले विस्फोट और आपपास के प्रदूषण के किले पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति चिंता जताई है। कोर्ट ने किले पर विस्फोट के प्रभाव व अन्य प्रदूषण के प्रभाव का अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल आफ माइन्स) धनबाद झारखंड के चेयरमैन एक विशेष टीम गठित करेंगे जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे जैसे सिविल इंजीनियरिंग, भूकंप इंजीनियरिंग, स्ट्रक्टचरल जिओलाजी और खनन इंजीनियरिंग के लोग होंगे। विशेषज्ञ समिति का गठन दो सप्ताह में किया जाएगा।

पांच जुलाई तक दाखिल करें रिपोर्ट

कोर्ट ने कमेटी को पांच जुलाई तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले पर नौ जुलाई को फिर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने खनन के लिए किये जाने वाले विस्फोट से पीक पार्टिकल्स विलोसिटी (PPV) के किले की इमारत पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए आदेश दिया है कि किले के पांच किलोमीटर के दायरे में विस्फोट करके खनन नहीं किया जाएगा। पांच किलोमीटर के दायरे के अंदर किसी तरह का विस्फोट नहीं किया जाएगा। हालांकि, इस दायरे के भीतर मैनुअल या मैकेनिकल खनन संचालित हो सकता है, लेकिन इसके लिए खनन पट्टेदार के पास कानून के तहत वैध पट्टा होना चाहिए।

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