क्या भारत में समलैंगिक विवाह को मिलेगी मान्यता?, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय के लिए विवाह समानता अधिकारों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की पीठ मंगलवार को अपना फैसला सुना सकती है, भारतीय कार्यकर्ता अंजलि गोपालन ने कहा कि उन्हें सकारात्मक फैसले की उम्मीद है, यह हो सकता है नागरिक अधिकार हो या विवाह समानता का अधिकार हो, हमें सकारात्मक फैसले की उम्मीद है, मुझे लगता है कि अदालत उनके हक में फैसला सुनाएगी।
एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय को सामान्य नागरिकों जैसे मिले अधिकार
यह नागरिक अधिकार या विवाह समानता का अधिकार हो सकता है। सभी को समान अधिकार मिलना चाहिए, हम सभी एक देश के नागरिक हैं। अगर अदालत हमें देगी तो सही है, सरकार को इसका पालन करना होगा, भारतीय कार्यकर्ता ने कहा,एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय को गोद लेने के अधिकार और शादी के अधिकार सहित अधिकारों से प्रतिबंधित करने का कोई कारण नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी नजरे
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ LGBTQIA समुदाय के लिए विवाह समानता अधिकार से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, एस रवींद्र भट, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ LGBTQIA समुदाय के लिए विवाह समानता अधिकारों से संबंधित याचिकाओं के एक समूह पर विचार कर रही है। वकील अरुंधति काटजू ने भी कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। वकील काटजू ने कहा, यह बहुत बड़ा दिन है और हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम कई सालों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।