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INDIA OPEN : सिंधू हारीं, लक्ष्य सेन और चिराग-सात्विक की जोड़ी इंडिया ओपन के फाइनल में

भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू को शनिवार को यहां योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा जबकि विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने अपने पहले विश्व टूर सुपर 500 टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनायी।

10:12 PM Jan 15, 2022 IST | Shera Rajput

भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू को शनिवार को यहां योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा जबकि विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने अपने पहले विश्व टूर सुपर 500 टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनायी।

भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू को शनिवार को यहां योनेक्ससनराइज इंडिया ओपन के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा जबकि विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने अपने पहले विश्व टूर सुपर
500
टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनायी।
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उत्तराखंड के 20
साल के खिलाड़ी लक्ष्य ने विश्व रैंकिंग में 60वें स्थान पर काबिज मलेशिया के नग त्जे योंग को पुरूष एकल के अंतिम चार मुकाबले में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए
19-21 21-16 21-12
से हराया।
पीवी सिंधू को  योनेक्ससनराइज इंडिया ओपन के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा 

शीर्ष वरीय और घरेलू प्रबल दावेदार सिंधू को महिला एकल के सेमीफाइनल में थाइलैंड की छठी वरीय सुपानिडा काटेथोंग से
14-21, 21-13, 10-21
से पराजय झेलनी पड़ी।

युवा आकर्षि कश्यप के पास भी स्वर्णिम मौका था लेकिन महिला एकल के दूसरे सेमीफाइनल में वह शुरूआती गेम में पांचगेम प्वाइंटगंवा बैठी जिससे थाईलैंड की बुसानन ओंगबाम्रुंगफान ने
26-24 21-9
से जीत हासिल की।

तीसरे वरीय लक्ष्य रविवार को फाइनल में सिंगापुर के विश्व चैम्पियन लोह कीन यू से भिड़ेंगे जो पिछले साल डच ओपन फाइनल की तरह होगा। लोह को कनाडा के ब्रायन यांग के गले में खराश और सिरदर्द के बाद सेमीफाइनल से हटने के कारण वाकओवर दिया गया।

लक्ष्य ने मैच के बाद कहा,
‘‘
अपने देश में अपना पहला सुपर
500
का फाइनल खेलना एक बेहतरीन अहसास है। शुरुआती गेम काफी करीबी था, मैंने कुछ गलतियां की जिसकी कीमत मुझे चुकानी पड़ी। मैं दूसरे और तीसरे गेम में संयम बनाये रहा और मुकाबला जीतने में कामयाब रहा।’’

दोनों खिलाड़ी के बीच चार मुकाबलों में लक्ष्य ने दो मैच जीते है।
 
पिछले साल डच ओपन के फाइनल में हालांकि पांचवीं वरीयता प्राप्त लोह ने बाजी मारी थी।

उन्होंने कहा,
‘‘
हम दोनों अच्छा खेल रहे हैं, कल (रविवार को) यह एक अच्छा मैच होगा और मैं वास्तव में उसके खिलाफ खेलने के लिए उत्सुक हूं।’’
चिराग-सात्विक की जोड़ी इंडिया ओपन के फाइनल में

पुरूष युगल में चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की दुनिया की 10वें नंबर की जोड़ी ने फ्रांस के विलियम विलेगर और फैबियन डेलरू की जोड़ी को
21-10 21-18
से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।

चिराग और सात्विक का सामना अब रविवार को फाइनल में तीन बार के विश्व चैम्पियन मोहम्मद अहसन और हेंड्रा सेतियावान की इंडोनेशियाई जोड़ी से होगा।

अन्य नतीजों में हरिथा मनाजियिल हरिनारायण और एशना रॉय की भारतीय महिला युगल जोड़ी को थाईलैंड की बेनयापा ऐमसार्ड और नुनताकर्ण ऐमसार्ड की चौथी वरीय जोड़ी से
12-21 9-21
से पराजय मिली।

लक्ष्य ने सेमीफाइनल के पहले गेम में
2-4
से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए
10-6
की बढ़त हासिल की। ब्रेक के समय उनकी बढ़त
11-8
की थी।

मलेशिया के खिलाड़ी ने इसके बाद अपने खेल में सुधार किया जिससे स्कोर
14-14,
फिर
17-17
हो गया। योंग ने
21-19
से इस सेट को जीत लिया।

पहला गेम जीतने के बाद योंग ने दूसरे सेट में
4-1
की बढ़त के साथ अच्छी शुरुआत की। लक्ष्य ने वापसी की जिससे योंग पर दबाव बन गया। उन्होंने स्कोर को
13-13
से बराबर करने के बाद
19-16
की बढ़त ली और फिर गेम अपने नाम कर लिया।

लक्ष्य ने निर्णायक सेट में इस लय को जारी रखते हुए शुरू से आखिर तब अपनी बढ़त बरकरार रखी।

लक्ष्य दो सुपर
100
खिताब जीते चुके है जिसमें डच ओपन और सारलोरलक्स ओपन शामिल है।

पिछले साल इस युवा खिलाड़ी ने हाइलो में सेमीफाइनल में जगह बनायी। वह विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने से पहले विश्व टूर फाइनल में नॉकआउट चरण में भी पहुंचे थे।

सिंधू ने पिछले साल इंडोनेशिया मास्टर्स में काटेथोंग को हराया था लेकिन वह विश्व रैंकिंग पर 33वें नंबर पर काबिज अपनी प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ नहीं सकीं।

उनके पास अपनी प्रतिद्वंद्वी के प्रभावपूर्ण खेल का कोई जवाब नहीं था जिससे शुरूआती गेम पल भर में ही उनके हाथों से निकल गया।

सिंधू ने दूसरे गेम में आक्रामकता बरती और
4-2
से बढ़त बनायी। इसके बाद वह ब्रेक तक
11-10
से बढ़त कायम रखने में सफल रहीं। उन्होंने शिकंजा कसे रखा और जल्द ही आठगेम प्वाइंटकी बढ़त बना ली। और काटेथोंग की गलती से इस गेम को जीतकर बराबरी पर पहुंच गयीं।

निर्णायक गेम काफी करीबी रहा लेकिन काटेथोंग ने जल्द ही
9-7
की बढ़त को ब्रेक तक
11-7
कर दिया।

काटेथोंग अपने रिटर्न में काफी सतर्क थी और उनका डिफेंस भी काफी मजबूत था जिससे वह
16-9
से आगे चल रही थीं। पर सिंधू की गलती से उन्होंने आठमैच प्वाइंटहासिल कर मैच जीत लिया।

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