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SCO की बैठक में चीन की महत्वाकांक्षी BRI परियोजना का समर्थन करने से भारत ने किया इनकार

भारत ने चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना का समर्थन करने से मंगलवार को एक बार फिर से इनकार कर दिया। साथ ही, उसने कहा कि संपर्क परियोजनाओं को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों की ‘‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता’’ का सम्मान करना चाहिए।

10:42 PM Nov 01, 2022 IST | Shera Rajput

भारत ने चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना का समर्थन करने से मंगलवार को एक बार फिर से इनकार कर दिया। साथ ही, उसने कहा कि संपर्क परियोजनाओं को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों की ‘‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता’’ का सम्मान करना चाहिए।

भारत ने चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ परियोजना का समर्थन करने से मंगलवार को एक बार फिर से इनकार कर दिया। साथ ही, उसने कहा कि संपर्क परियोजनाओं को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों की ‘‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता’’ का सम्मान करना चाहिए।
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चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग की अध्यक्षता में एससीओ सदस्य देशों के शासनाध्यक्ष परिषद की 21 वीं बैठक के अंत में जारी किये गये एक संयुक्त बयान में भारत का नाम संगठन के उन सदस्य देशों में नहीं है, जिन्होंने बीआरआई का समर्थन किया है। बैठक का आयोजन वीडियो लिंक के माध्यम से किया गया।
एससीओ की पिछली बैठकों की तरह भारत ने चीन की बीआरआई परियोजना का समर्थन नहीं किया।
बयान में कहा गया है, ‘‘कजाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने चीन की बीआरआई के लिए अपना समर्थन दोहराते हुए यूरोशियाई आर्थिक संघ और बीआरआई को जोड़ने की कोशिशों सहित परियोजना के संयुक्त क्रियान्वयन के लिए जारी कार्य का जिक्र किया।’’
बैठक में शामिल हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुरूआत में एससीओ के सदस्य देशों से कहा कि संपर्क परियोजनाओं को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों की ‘‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता’’ का सम्मान करना चाहिए।
भारत बीआरआई पर आपत्ति जताता रहा है और 50 अरब डॉलर की इस परियोजना में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) शामिल है। सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है।
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