इजरायल और फलस्तीन के बीच शांति स्थापित करने के लिए अधिक प्रतिबद्धता दिखाए भारत: कांग्रेस
इजरायल और फलस्तीनी संगठन हमास के बीच चल रहे हिंसक टकराव के बीच कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य के तौर पर अपनी भूमिका का उपयोग करते हुए और अधिक प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए ताकि पश्चिम एशिया में शांति स्थापित हो सके।
09:31 PM May 19, 2021 IST | Ujjwal Jain
Advertisement
इजरायल और फलस्तीनी संगठन हमास के बीच चल रहे हिंसक टकराव के बीच कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य के तौर पर अपनी भूमिका का उपयोग करते हुए और अधिक प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए ताकि पश्चिम एशिया में शांति स्थापित हो सके। मुख्य विपक्षी पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्षों को हिंसा का रास्ता छोड़ना चाहिए और शांति के लिए बातचीत करनी चाहिए क्योंकि इजरायल एवं फलस्तीन के सार्थक, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है।’’
Advertisement
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भारत सरकार की ओर से दिखाए गए संतुलित रुख पर संतोष प्रकट किया और यह आग्रह किया कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य के तौर पर अपनी भूमिका का उपयोग करते हुए और अधिक प्रतिबद्धता दिखनी चाहिए ताकि पश्चिम एशिया में शांति स्थापित हो सके। उसने कहा कि इजरायल और फलस्तीन के बीच विवाद बढ़ गया दिखाई देता है और हर घंटे हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है।
Advertisement
कांग्रेस के अनुसार, भारत का ऐतिहासिक रुख रहा है कि इजरायल और फलस्तीन के तौर पर दो देशों के अस्तित्व में होने का समाधान हो तथा स्वतंत्र फलस्तीन की राजधानी पूर्वी यरूशलम हो। ऐसे समय इस रुख पर जोर दिए जाने की जरूरत है। उसने कहा, ‘‘यह दुखद है कि रमजान महीने में नमाज के दौरान पवित्र अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली सुरक्षा बल घुसे जिसके बाद क्षेत्र में शांति भंग हो गई।’’
Advertisement
कांग्रेस ने यह भी कहा, ‘‘हमास की ओर से किए जा रहे रॉकेट हमले को स्वीकार नहीं किया जा सकता और साथ ही एक ज्यादा मजबूत एवं संगठित सेना की ओर से बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई करना भी अस्वीकार्य है, खासकर उस स्थिति में जब महिलाओं और बच्चों समेत आम नागरिक हताहत हो रहे हों।’’
उधर, असम के बारपेटा से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य अब्दुल खलिक ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर फलस्तीनी लोगों की चिंताओं को उठाएं।
उन्होंने कहा,‘‘ भारत को फलस्तीन के लोगों के लिए खड़े होना चाहिए और बोलना चाहिए जो हम वर्षों से करते आ रहे हैं। मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आप अपने रुतबे का इस्तेमाल करें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फलस्तीनियों की चिंताओं के बारे में बोलें।’’

Join Channel