Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

2047 तक भारत बनेगा 'प्रोडक्ट नेशन, स्टार्टअप नेशन': IIT मद्रास के निदेशक

2047 तक भारत बनेगा ‘प्रोडक्ट नेशन’: प्रो. कामकोटि का दावा

03:28 AM Apr 27, 2025 IST | IANS

2047 तक भारत बनेगा ‘प्रोडक्ट नेशन’: प्रो. कामकोटि का दावा

आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने कहा कि 2047 तक भारत ‘प्रोडक्ट नेशन, स्टार्टअप नेशन’ बनेगा। उन्होंने पेटेंट और स्टार्टअप इनक्यूबेशन में संस्थान की उपलब्धियों का जिक्र किया। पिछले वित्त वर्ष में 417 पेटेंट फाइल किए गए और 104 स्टार्टअप्स का इनक्यूबेशन किया गया।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने शनिवार को पेटेंट और स्टार्टअप इनक्यूबेशन में संस्थान की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आजादी के 100वें साल में 2047 तक ‘प्रोडक्ट नेशन, स्टार्टअप नेशन’ बन जाएगा।

प्रो. कामकोटि ने बताया कि संस्थान के छात्रों और फैकल्टी ने गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में 417 पेटेंट फाइल किए। आईआईटी मद्रास के लिए पहली बार यह संख्या 400 के पार पहुंची है। एक साल पहले 382 पेटेंट फाइल किए गए थे।

विश्व बौद्धिक संपदा दिवस पर संस्थान में आयोजित कार्यक्रम से इतर समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए प्रो. कामकोटि ने बताया कि बीते वित्त वर्ष संस्थान ने 104 स्टार्टअप का इनक्यूबेशन किया। इनमें 50 प्रतिशत आईआईटी मद्रास के छात्रों, फैकल्टी, एल्यूमिनाई और कर्मचारियों द्वारा फंडेड थे, जबकि शेष दूसरे उद्यमियों द्वारा।

हालांकि, उन्होंने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और टेक्नोलॉजी के वाणिज्यीकरण में गति लाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि फाइल किए गए 417 पेटेंट में 26 प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तक पहुंच पाए, जो महज पांच प्रतिशत है। इनमें अधिकतर स्टार्टअप इकोसिस्टम की कंपनियों को ट्रांसफर किए गए हैं।

प्रो. कामकोटि ने कहा, “साल 2047 तक भारत ‘प्रोडक्ट नेशन, स्टार्टअप नेशन’ बन जाएगा। हमारे दिमाग में आइडिया होने चाहिए। हमें बड़ी संख्या में स्टार्टअप की भी जरूरत है जो हमारे अपने आइडिया को व्यवहार में लागू कर सकें और कारोबार को प्रौद्योगिकी, आर्थिक तथा सामाजिक कसौटियों पर सफल बना सकें।”

उन्होंने कहा कि एक अकादमिक संस्थान के रूप में आईआईटी मद्रास की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को ‘प्रोडक्ट नेशन, स्टार्टअप नेशन’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करे। उन्होंने कहा, “हम वर्तमान में ऐसा कर रहे हैं। साल 2047 में जब हम पीछे मुड़कर देखेंगे, मैं उस समय 82 साल का रहूंगा, मुझे लगता है कि मैं संतुष्ट हो सकूंगा। इस श्रेष्ठ संस्थान से कई यूनिकॉर्न बने हैं।”

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बारे में प्रो. कामकोटि ने कहा, “यह बहुत बुरा हुआ। मुझे बेहद दुख है। भगवान उन्हें संबल दें जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि अमन कायम हो।”

आईआईटी मद्रास ने बताया कि उसके इनक्यूबेशन सेल ने पिछले 12 साल में 457 डीप-टेक स्टार्टअप की मदद की है जिनकी समग्र वैल्यू 50,000 करोड़ रुपए से अधिक है। इनमें दो यूनिकॉर्न शामिल हैं। इसके अलावा एक कंपनी जल्दी ही अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है। इनमें विनिर्माण और रोबोटिक्स से लेकर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, एयरो/रक्षा, एआई, बायोटेक और आईओटी क्षेत्रों के स्टार्टअप शामिल हैं। आईआईटी मद्रास द्वारा समर्थित कुछ कंपनियां हैं – आथर, यूनिफोर, मेडीबडी, हाइपरवर्ज, स्टेलऐप्स (मूपे), अग्निकुल, प्लेनीज, डिटेक्ट, माइंडग्रोव और गेलेक्सआई।

भारत बनेगा वैश्विक स्वास्थ्य सेवा केंद्र, सरकार लाएगी डिजिटल पोर्टल

Advertisement
Advertisement
Next Article