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भारत के चावल निर्यात में 20% की वृद्धि, 2024-25 में 12.47 बिलियन डॉलर के पार

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 13 % बढ़ा

09:49 AM Apr 17, 2025 IST | Himanshu Negi

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 13 % बढ़ा

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भारत के चावल निर्यात में 20  की वृद्धि  2024 25 में 12 47 बिलियन डॉलर के पार
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वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के चावल निर्यात में 20% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे निर्यात 12.47 बिलियन डॉलर को पार कर गया। सरकार की नीतियों और कृषि-तकनीक के उपयोग से निर्यातकों को प्रीमियम चावल देने में मदद मिली है। डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात में तेजी से वृद्धि हुई है। इनका निर्यात वर्ष 2024-25 में 12.5 प्रतिशत बढ़ा है। फलों और सब्जियों का निर्यात भी बढ़ा है। इनका निर्यात 5 प्रतिशत बढ़ा है। 5 प्रतिशत बढ़कर यह 3.86 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

वर्ष 2024-25 भारत के लिए हर क्षेत्र में बेहतर रहा है। हर क्षेत्र ने रिकॉर्ड उपल्ब्धि हासिल की है। अब भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2024-2025 में 13 प्रतिशत बढ़ा है। यह निर्यात 13 प्रतिशत बढ़कर 25.14 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। कृषि क्षेत्र के निर्यात में सबसे ज्यादा चावल ने अहम भूमिका निभाई है। चावल के निर्यात में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। बता दें कि वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय ने चावल के निर्यात के आंकड़े जारी किए थे। इन आंकड़ो के अनुसार चावल में बासमती समेत अनेक किस्मों के चावलों के निर्यात में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 20 प्रतिशत की वृद्धि से चावलों का निर्यात 12.47 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है। वहीं वर्ष 2024 में यह 10.41 बिलियन डॉलर तक ही पहुंचा था।

निर्यातक अक्षय गुप्ता का बयान

चावलों के निर्यात करने वालों का अनुमान है कि वर्ष 2024-2025 तक चावल का निर्यात लगभग 20 मिलियन टन के आंकड़े को पार कर सकता है। बता दें कि मशहूर इंडिया गेट ब्रांड चावल के निर्यातक अक्षय गुप्ता का कहना है कि सरकार द्वारा उठाये गए महत्वपूर्ण कदम की मदद से प्रीमियम चावल देने की अनुमति प्राप्त हुई है। साथ ही वर्ष 2024 में बासमती चावल में 950 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य को भी हटाया गया है। अक्षय गुप्ता ने बताया कि बाजारों में बढ़ती मांग, कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रयोग होने से निर्यात में तेजी रहेगी। अक्ष्य गुप्ता ने कहा कि चावल उद्योग को उम्मीद है कि ‘गैर-परंपरागत’ बाजारों से बढ़ती मांग, आपूर्ति श्रृंखला में कृषि-तकनीक को तेजी से अपनाए जाने तथा सभी हितधारकों द्वारा स्थिरता के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता के कारण निर्यात में तेजी जारी रहेगी।

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रंजीत सिंह जोसन का बयान

पंजाब राज्य में बासमती चावल के निर्यातक रंजीत सिंह जोसन ने बताया कि भारत देश ने वर्ष 2025 में बासमती चावल का 5 मीट्रिक टन निर्यात हुआ है। वहीं पाकिस्तान दस लाख टन तक भी निर्यात नहीं कर पाता है। बता दें कि भारत चावल का सबसे बड़ा निर्याक रहा है। अब एक बार फिर चावल के सभी किस्मों में निर्यात में तेजी से आने से भारत का वैश्विक चावल व्यापार में प्रभुत्व स्थापित हो गया है।

फलों और सब्जियों का निर्यात भी बढ़ा

चावल के बढ़ते निर्यात के साथ ही डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात में तेजी से वृद्धि हुई है। इनका निर्यात वर्ष 2024-25 में 12.5 प्रतिशत बढ़ा है। 12.5 प्रतिशत बढ़कर यह 5.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात के साथ ही फलों और सब्जियों का निर्यात भी बढ़ा है। इनका निर्यात 5 प्रतिशत बढ़ा है। 5 प्रतिशत बढ़कर यह 3.86 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

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Himanshu Negi

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