IndiGo Flight Crisis: इंडिगो उड़ान संकट पर चेयरमैन का बड़ा बयान: “गलती हुई, लेकिन इरादा नहीं था”
IndiGo Flight Crisis: देश में जारी इंडिगो उड़ान संकट के बीच चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता ने बुधवार को फ्लाइट कैंसिलेशन पर सार्वजनिक माफी मांगी। इससे पहले इंडिगो के सीईओ भी इस संकट पर माफी जता चुके हैं। मेहता ने स्वीकार किया कि हालिया स्थिति ने यात्रियों को बड़ी असुविधा दी है।
परिचालन संकट के बीच बोर्ड की बड़ी घोषणा
परिचालन चुनौतियों से जूझ रही इंडिगो के चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता ने बताया कि हाल में हुई उड़ान व्यवधानों की व्यापक जांच की जाएगी। इसके लिए निदेशक मंडल ने प्रबंधन के साथ मिलकर काम करने और मूल कारणों का पता लगाने हेतु बाहरी तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करने का निर्णय लिया है।
3 दिसंबर को बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द
मेहता के अनुसार 3 दिसंबर को कई अप्रत्याशित घटनाएं हुईं, जिनके कारण बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। उन्होंने कहा कि हजारों यात्री फंस गए और इस असुविधा के लिए कंपनी खेद व्यक्त करती है।
हजारों उड़ानें रद्द, संचालन में धीरे-धीरे सुधार
पिछले सप्ताह से इंडिगो पूरे देश में हजारों उड़ानें रद्द कर रही है, जिसका मुख्य कारण कड़े सुरक्षा नियमों के अनुरूप योजना बनाने में कमी बताया गया।
5 दिसंबर को रद्दीकरण सबसे अधिक रहा, हालांकि इसके बाद स्थिति में सुधार दिखा। एयरलाइन ने मंगलवार को दावा किया कि संचालन स्थिर हो रहा है, लेकिन बुधवार को भी दिल्ली और मुंबई सहित प्रमुख हवाईअड्डों पर लगभग 220 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
उचित और अनुचित आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया
मेहता ने स्वीकार किया कि पिछले सप्ताह एयरलाइन को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिनमें से कई उचित थीं।
उन्होंने कहा कि इंडिगो ने ग्राहकों, सरकार, शेयरधारकों और कर्मचारियों को निराश किया, और कंपनी जांच कर यह समझने का प्रयास कर रही है कि गलती कहां हुई और भविष्य में क्या सुधार किए जा सकते हैं।
सुरक्षा से समझौते के आरोप गलत: इंडिगो
कुछ आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए मेहता ने कहा कि इंडिगो ने कभी भी इस संकट को खुद पैदा नहीं किया और न ही सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया।
उन्होंने बताया कि पायलटों के विश्राम संबंधी नए नियम जुलाई और नवंबर से लागू हैं और एयरलाइन ने उनका पूर्ण रूप से पालन किया है।
IndiGo Flight Crisis: व्यवधानों के पीछे कई आंतरिक और बाहरी कारण
मेहता ने कहा कि उड़ान व्यवधान किसी जानबूझकर की गई कार्रवाई का परिणाम नहीं थे। इसके बजाय वे कई कारकों के संयोजन से उत्पन्न हुए, जिनमें शामिल थे:
मामूली तकनीकी खामियां
- सर्दियों के मौसम से जुड़े परिचालन परिवर्तन
- प्रतिकूल मौसम
- विमानन प्रणाली में बढ़ता जाम
- नए चालक दल रोस्टरिंग नियमों के तहत संचालन की चुनौतियां